बुलंदशहर से देशभर में चल रहा था लोन के नाम पर ठगी का ऑनलाइन कारोबार, अब खा रहे जेल की हवा

देश भर में ऑनलाइन ठगी करने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

पहासू थाना पुलिस ने लोन दिलाने के नाम पर देश भर में ऑनलाइन ठगी करने वाले 4 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से 1 स्विफ्ट कार, 6 मोबाइल, 65 हजार की नक़दी और आरबीआई समेत बैंकों के फर्जी लोन स्वीकृति दस्तावेज बरामद किये है। मामले में एसएसपी संतोष कुमार सिंह की मानें तो ये फर्जी वेबसाइट के जरिए हुई है। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह दर्जनों को अपनी ठगी का शिकार बना चुका है।

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी फर्जी फाइनेंस कंपनी के नाम पर लोगों को लोन दिलाने का काम करते थे। चारों ठगों को पहासू पुलिस और देहात स्वाट टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया है। पहासू पुलिस गुजरात की एक पीड़िता की शिकायत के बाद आरोपी की तलाश कर रही थी। थाना पहासू पुलिस और स्वाट टीम देहात ने अभियुवको की निशानदेही पर एक अन्य साथी सुबोध को भी खुर्जा में स्थित उसकी दुकान से 1 मोबाइल सहित गिरफ्तार किया।

ये हुए गिरफ्तार

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि पहासू थाना अध्यक्ष प्रताप सिंह ने ओमप्रकाश , शिवम, रवि और सुबोध को बुलन्दशहर से गिरफ्तार किया है।

आरोपियों के मोबाइल में भी मिले ठगी के दस्तावेज

आरोपी से बरामद मोबाइलों को जब चैक किया गया, तो आस्था फाइनेंस और भारतीय रिजर्व बैंक के नाम से लोन स्वीकृति के फर्जी दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी, केनरा बैंक और फर्जी लोन एप्रूवल लेटर, बार फोड सहित कोटक महिंद्रा बैंक का फर्जी स्वीकृति पत्र मिला, जिसमें लोन का पूरा फर्जी हवाला है।

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने आरोपियों से पूछताछ के बाद बताया कि गिरफ्तार आरोपी सुबोध सिंह द्वारा फर्जी वेबसाइट तैयार की जाती थी और कम ब्याज दर पर लोन का विज्ञापन बनाकर उत्तर प्रदेश छोड़ अन्य राज्यों में ऑनलाइन प्रसारित किया जाता था। जब लोग लोन के लिए आवेदन करते, तो उनसे पहले फाइल चार्ज के रूप में ₹2000 वसूल लेते थे।

उसके बाद 500000 तक का आवेदक को लोन दिलाते थे। लोन दिलाने के लिए आरबीआई की फर्जी वेबसाइट तैयार कर फर्जी लोन सैंक्शन पत्र भेजकर लोन की रकम ट्रांसफर खाते में कराने से पहले उनसे लोन सेंशन कराने के नाम पर कमीशन के रूप में 10 परसेंट तक की रकम तक वसूल कर ठगी करने का काम करते थे। आवेदक का राष्ट्रीयकृत बैंकों में खाता भी खुलवा देते थे

बैंक से ऐसे निकालते थे ठगी गई रकम

लोन सैंक्शन के कमीशन के रूप में और फाइल चार्ज के रूप में ठगी गई रकम को अपने फर्जी खाते में ट्रान्सफर कराते। छोटे-छोटे कस्बों के एटीएम मशीन से पैसा निकालकर आपस में बांट लिया जाता था। आरोपियों ने यह भी बताया कि यदि फर्जी अकाउंट बंद हो जाता था या पुलिस द्वारा फ्रीज करा दिया जाता था, तो उनके द्वारा पुनः या नया फर्जी अकाउंट खोलकर उसके एटीएम से पैसे निकाल लेते थे।

पहासू के व्यक्ति को बनाया शिकार तो धरे गये

गिरफ्तार चारों आरोपियो ने पूछताछ में बताया कि 22 दिसंबर को गुजरात के 1 व्यक्ति से फोन पर बात कर कम ब्याज पर लोन दिलाने का लालच देकर अपने खाते में 70,000 रुपये डलवाकर कस्बा पहासू के एक्सिस बैंक के एटीएम से रुपये निकालकर ठगी किये गये थे, जिनमें से 5,000 रुपये खर्च होना बताया और बाकी के 65,000 रुपये अभियुक्तों से बरामद हुई हैं।