गदागंज पुलिस दे रही है आरोपियों को संरक्षण क्या महिला को मिलेगा न्याय 

गदागंज/रायबरेली -एक तरफ योगी सरकार के द्वारा महिला सुरक्षा को लेकर तरह तरह के अभियान चलाये जा रहे है तो दूसरी तरफ इन अभियानों की धज्जियां उड़ती नजर आ रही है। ऐसा ही एक मामला गदागंज थाने के अंतर्गत आने वाले धूता का देखने को मिला है।जहां चुनावी रंजिस को लेकर दो पक्षों में मारपीट हुई। चोटिल पक्ष की एक महिला आज एसपी ऑफिस पहुंचकर न्याय के लिए गुहार लगाती नजर आई तो दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन उसकी बात को अनदेखा करता नजर आया।

महिला का आरोप है की वर्तमान प्रधान बलराम यादव ने शपथ ग्रहण के बाद महिला व उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी है।अब सवाल ये है की आखिर गदागंज पुलिस क्य किसी बड़ी घटना के घटने का इंतजार कर रही है? लगातार गदागंज पुलिस की मिली भगत से आरोपियों का हौसला बुलंद होता जा रहा है।
गदागंज कोतवाल के द्वारा बनाया महिला पर दबाव बनाया जा रहा है। कोतवाल साहब न्याय करने की बजाय महिला पर दबाव बना रहे है। साथ ही महिला का आरोप ये भी है की गदागंज कोतवाल के द्वारा धाराओं में फेर बदल भी किया गया है। महिला ने बताया की कोतवाल साहब का संरक्षण पूरी तरह से आरोपियों को प्राप्त है। जिसके कारण वो लगातार धमकी दे रहे है साथ अभी भी तीन की गिरफ़्तारी पुलिस द्वारा नहीं की गई। ये बात साफ इशारा करती है की पुलिस कही न कही आरोपियों के संघ मिली भगत बनाये हुए है।सवाल ये है की एक तरफ सरकार महिलाओ को सशक्त बनाने की बात करती है तो दूसरी तरफ सीओ व पुलिस प्रशासन का महिला से ऐसा व्यवहार ये साबित करता है की मिशन शक्ति सिर्फ एक दिखावा है।अब सवाल ये उठता है की क्या गदागंज पुलिस अप्टा कांड को फिर से दोहराना चाहती है?