आखिर युवकों की पिटाई के मामले में बलि का बकरा क्यों बनाया जा रहा हैं सूची चौकी इंचार्ज मृत्युंजय बहादुर?

सलोन/रायबरेली- कोतवाली क्षेत्र के सूची चौकी अंतर्गत एक ऐसा मामला सामने आया है,जिससे हर कोई स्तब्ध है। बताते चले कि करहिया चौकी अंतर्गत सिरसिरा गांव से प्रेमलाल धोबी अपनी लड़की की शादी हरपुर हल्ला बिंदागंज थाना जगतपुर में तय किए थे,जिसकी तिलक चढ़ाने सभी लोग गए थे। वहां से लौटते समय एक कार से 5 लोग आ रहे थे। पुलिस के रोकने पर पुलिस की माने तो युवकों ने पुलिस को गाली दिया और मौके से भागने लगे तभी दौड़ा कर इन्हे पुलिस कर्मियों ने पकड़ लिया। सुबह सूची चौकी से सलोन थाना ले जाकर 151 में चालान किया जाता है।जिसके बाद मामले में नया मोड़ आ जाता है। पुलिस कि पीटाई से जख्मी युवकों का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो जाता है। इस पूरे मामले में यदि देखा जाए तो गलतियां दोनों पक्षों से सामने आ रही हैं। जिसमें यदि सूत्रों की माने तो आल्टो कार सवार चार युवकों को पुलिस द्वारा रात में रोकने पर युवक पुलिस कर्मियों को गालियां देते हुए भागने की कोशिश करते हैं और पुलिसकर्मी अल्टो सवार युवकों का पीछा करते हैं जिसकी सूचना पुलिस कर्मियों ने सूची चौकी इंचार्ज मृत्युंजय बहादुर को दी। जिस पर पुलिस कर्मियों के पीछे सूची चौकी इंचार्ज भी लग जाते हैं और पुलिसकर्मी ऑल्टो सवार युवकों को रोक कर पकड़ लेते हैं तथा युवकों को सूची चौकी पर लाकर रात में रखा जाता है। सुबह सलोन थाना में युवकों को ले जाने के बाद यह पता चलता है कि युवकों को बेरहमी से पीटा गया है।जिसमें सूची चौकी इंचार्ज मृत्युंजय बहादुर पर लगातार यह गंभीर आरोप लग रहा है कि युवकों को कोई और नहीं बल्कि इन्होंने ही पीटा है।इस पूरे मामले में युवकों को पुलिस हिरासत में पीटा गया यह बात तो सच नजर आ रही है किंतु सूची चौकी इंचार्ज ने युवकों को पीटा होगा तथ्य जांच का विषय है। इस पूरे मामले को लेकर लगातार संशय बना हुआ है की कई पुलिसकर्मियों ने ही तो नहीं युवकों की बेरहमी से पिटाई कर दिया हो। जिसका आरोप लगातार सूची चौकी इंचार्ज मृत्युंजय बहादुर पर जा रहा है।यहां पर युवकों ने यदि पुलिस को गाली दिया तो वह तो गलत है ही किंतु जिस तरह पुलिस कस्टडी में युवकों की पिटाई हुई है यह भी क्रूर कृत्य भी गलत है। कहीं ऐसा तो नहीं कि युवकों का पीछा कर रहे पुलिसकर्मियों ने सूची चौकी इंचार्ज मृत्युंजय बहादुर के पहुंचने से पूर्व ही युवकों को पकड़कर बेरहमी से पीट दिया हो? यदि पुलिस युवकों की पिटाई के दावे को मानने से इनकार भी कर रही है तो आखिर पुलिस कस्टडी में युवकों को बेरहमी से किसने पीटा ? हालांकि यह पूरा मामला सुर्खियों में जरूर बना हुआ है किंतु यदि गहनता से इस पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी तो हो सकता है मामले की पूरी तरह सच्चाई सामने आ सकेगी और दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा।इस पूरे मामले की जांच सीओ इंद्रपाल सिंह को सौंपी जा चुकी है।

क्या कहते है चौकी इंचार्ज मृत्युंजय बहादुर?

वहीं इस पूरे मामले की बाबत जब चौकी इंचार्ज मृत्युंजय बहादुर से जानकारी ली जाती है तो वह यह नहीं बता पाए कि युवकों को चोट कैसे लगी है। इतना उन्होंने जरुर कहा कि मामले में लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।