रायबरेली जिला प्रशासन का दावा झूठा, गेंगाशो घाट पर रेतों में गड़े शवों को नोच रहे कुत्ते!

रायबरेली-जिला प्रशासन कागज पर भले विकास व? स्थिति सामान्य होने का खाका खींच शासन स्तर से वाहवाही लूटने के फीराक में हो किंतु कानपुर,उन्नाव के बाद अब रायबरेली जिले में भी हैरान करने वाली कुछ तस्वीरें सामने आई तो जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और एडीएम प्रशासन ने इन तस्वीरों को भ्रामक व अफवाह बताते हुए, तत्काल एक लेटर जारी कर दिया गया।जिसमें यह लिखा कि संज्ञान में आया है गेगासो के गंगा नदी में कुछ लाशों के देखने की भ्रामक खबरें फैलाई जा रही है इस संबंध में उप जिलाधिकारी लालगंज स्वयं मौके पर जाकर क्षेत्राधिकारी व थानाध्यक्ष के साथ निरीक्षण कर लिया गया है उक्त खबर पूर्णतया भ्रामक व फर्जी पाई गई।लेकिन इस मामले पर ऑफिस में बैठे हुए एडीएम प्रशासन राम अभिलाष द्वारा पर्दा डालने का काम तो शुरू कर दिया गया पर बड़ी तादातों में लाशों का इस तरह से दफन होना सरकारी आंकड़ों के साथ-साथ जिले की व्यवस्थाओं का भी पर्दाफाश करता नजर आ रहा है। आपको बताते चलें कि रायबरेली जिले के सरेनी थाना थाना क्षेत्र गेगासो गंगा घाट की यह तस्वीरें लोगों के दिल को दहलाने वाली है। इस दृश्य ने रायबरेली जिला प्रशासन के उन दावों को आइना दिखाया है जिसमें घाटों पर शवों के होने कि बात झूठी बतायी? जा रही है। जिम्मेदार कितना भी अपनी नाकामी को छिपाने का प्रयत्न करे पर रायबरेली के जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही आखिरकार सामने आ ही गई। घाटों पर एक एक फीट गड्ढे खोदकर सैकड़ों शवों को दफनाया गया है। इस प्रकार की लापरवाही से शवों को कुत्ते नोचते हैं और उनके शरीर को गांव तक लेकर जा रहे हैं। वहां पर मौजूद स्थानीय लोगों से जानकारी ली गई तो लोगों ने बताया जो लाशें गंगा की रेतों में दफन है। ज्यादातर लोग आर्थिक मजबूरी के कारण नहीं जला पाए क्योंकि बड़ी तादात में हो रहे अंतिम संस्कार पर अवसर वादियो ने लकड़ी पर भी कालाबाजारी करने से नहीं बाज आए और लकड़ी की कीमत 4 से 5 गुना अधिक दामों पर बिकने लगी। जिसके कारण ही लोगों के पास पैसे के अभाव में लाशों को इस तरह से दफन करना पड़ा। अब सवाल यह उठता है कि घाटों पर एक तरफ से रेतों में दफनाये गये शवों के रहस्य पर क्यों? पर्दा डाल रहा था जिला प्रशासन ? आखिर कौन है, इसका जिम्मेदार ? इस पूरे मामले से रायबरेली जिला प्रशासन की जमकर किरकिरी हो रही है।अब देखना यह है कि क्या जिम्मेदारों पर करवाई करता है रायबरेली प्रशासन?