उद्योग व्यापार मण्डल चौहान गुट के 12 अप्रैल को है होली मिलन,महामारी के चलते लोगो ने रोक लगाए जाने की है मांग

रायबरेली- उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल चौहान गुट 12 अप्रैल को अपना होली मिलन समारोह मनाने जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन ने भी उसे सुपर मार्केट में समारोह आयोजित करने की परमिशन दें दी है। अब इस परमिशन पर भी सवाल उठता है लगातार व्यापारी संगठनों को रंगारंग कार्यक्रम करने की इजाजत कैसे मिल रही है ? जबकि लगातार देश और प्रदेश के साथ-साथ जिले में कोरोना महामारी के मरीज बढ़ते जा रहे हैं । जिला उद्योग व्यापार मंडल और जिला उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल द्वारा किये होली मिलन समारोह में सरकार द्वारा जारी की गई कोरोना महामारी को लेकर गाइडलाइन आयोजकों एवं दर्शकों के साथ माननीयों ने भी धज्जियां उड़ाकर रख दी।

व्यापार मंडल चौहान गुट भी अपने होली मिलन समारोह की तैयारी कर रहा है।जिसमें उसने जोर शोर से शहर में होल्डिंग और प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया है।इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस व्यापार मंडल के कार्यक्रम में भी महामारी की सभी गाइडलाइनो को धज्जिया उड़ेगी लेकिन इसको रोकने वाले आला अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। लेकिन कार्यक्रम अनवरत चलता रहेगा। चाहे किसी की जिंदगी बचे या ना बचे। यहां अभी बताते चलें कि जब वही व्यापार मंडल का ग्रुप है जिसके जिला अध्यक्ष शिव नारायण मिश्रा अपने आपको नेशनल एंटी करप्शन ब्यूरो का उत्तर प्रदेश प्रभारी बताते हैं और कांग्रेसी कार्यकर्ता भी बताते हैं।जिसके बारे में खुद जिला अध्यक्ष ने कांग्रेसी कार्यकर्ता को पहचानने और जानने से मना कर दिया था। इतना ही नहीं इनके ऊपर ट्रैक्टर चोरी, बीमा कंपनी के बाबू के ऊपर राइफल तानने, एक पत्रकार को जान से मारने की धमकी और अपनी रिवाल्वर तानने के आरोप लग चुके हैं। यही नहीं इस व्यापार मंडल में जहां जिला अध्यक्ष शिव नरायन मिश्रा 420 के आरोपी हैं। लेकिन इन सबके बाद भी अपनी चार सौ बीसी की हरकतों से यह जिलाध्यक्ष और उनका पुत्र युवा जिला अध्यक्ष राजनीतिक दलों और गैर राजनीतिक संगठनों में अपनी पैठ बना कर कानून की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास करने में लगा हुआ है।इस संबंध में जब प्रदेश अध्यक्ष वीसी सिंह चौहान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष और उनका पुत्र युवा जिलाध्यक्ष पर जो आरोप लगे हैं वह उनका पारिवारिक मामला है परंतु जब खुद को कांग्रेसी नेता और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष द्वारा नकारे जाने की बात पर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने इससे अपने आपको अलग कर लिया। शहरवासियों का साफ कहना है कि एक तरफ हम सब लोगों की जान की आफत बनी हुई है ।महामारी लगातार अपना सुरक्षा की तरह मुंह फैला रही है ।लेकिन जिला प्रशासन है कि लोगों को एक समूह में एकत्र होने और सामूहिक रूप से कार्यक्रम करवाने की पूरी छूट दे रखी है । आखिरकार क्या कारण है कि सरकार और जिला प्रशासन इस तरह के कार्यक्रमों पर रोक नहीं लगा पा रही है । लोगों ने इस प्रकार के कार्यक्रम पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की जिला प्रशासन से मांग की है।