पत्नी और मासूम बच्चों को मिली पति के किये की सजा। बस चालक ने रात के सन्नाटे मंे हाईवे पर बेसहारा छोडा।

पत्नी और मासूम बच्चों को मिली पति के किये की सजा। बस चालक ने रात के सन्नाटे मंे हाईवे पर बेसहारा छोडा।

Sirsaganj.

पति के किये की सजा पत्नी और तीन मासूम बच्चों को भुगतनी पड़ी। बस मंे सवार होकर दिल्ली से मुगलसराय जा रही महिला और उसके मासूम बच्चों को रात के अंधेरे और सन्नाटे के बीच अनजान जगह पर उतार कर बेसहारा छोड़ दिया गया। बस के चालक और परिचालक के अलावा बस में सवार किसी यात्री को भी इन पर रहम नहीं आया। अकेली महिला के साथ कुछ भी हो सकता था लेकिन ईश्वर ने उसकी मदद की। सिरसागंज के सरकारी अस्पताल के रूप मंे उसे रात काटने के लिए सुरक्षित ठिकाना मिल गया।

राजू और गीता देवी अपने तीन बच्चों के साथ बस में सवार होकर दिल्ली से मुगलसराय जा रहे थे। राजू ने रास्ते मंे शराब पी ली जिसके कारण बस में यात्रियों से उसका झगड़ा हो गया। नाराज यात्रियों ने बस मंे हंगामा शुरू कर दिया। चालक-परिचालक ने राजू को शिकोहाबाद के आसपास बस से उतार दिया।

गीता ने पति को उतारने का विरोध किया लेकिन उसकी बात किसी ने नहीं सुनी। पति को उतारने से परेशान गीता बिलखने लगी। इतनी देर में बस करीब 10 किलोमीटर दूर आ गयी। गीता ने चालक से जिद की कि उसे पति के पास छोड़ कर आये। लेकिन चालक ने बस को वापस मोड़ने की बजाय गीता को बच्चों समेत उतार दिया।

गीता हाईवे पर बदहवास पति को ढूंढती रही। लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। फिर वह आश्रय की तलाश मंे भटकती रही। किसी तरह वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गयी। यहां रात्रि ड्यूटी पर तैनात फार्मासिस्ट ने उसे एक वार्ड मंे विस्तर मुहैया करवाया। ठंड से परेशान उसके बच्चों को पहनने के लिए कपड़ों की व्यवस्था की। हालांकि आगे जाने के लिए किराया ना होने की वजह से गीता सुबह तक परेशान थी। पुलिस को भी सूचित कर दिया गया था।