धार्मिक आस्था का प्रदर्शन, सिरसागंज में नौ दिन तक भगवान को सुनाई कथा, समापन पर पहुंचे श्रद्धालु


सिरसागंज में एक कथावाचक ने नौ दिन तक भगवान को भागवत की कथा सुनाई। कथा सुनने के लिए एक भी श्रोता नहीं था लेकिन उन्होंने कथा के मूलभाग का पाठ अकेले ही नौ दिन में संपन्न कर लिया। इस दौरान कथावाचक की भगवान के प्रति आस्था देखने लायक थी। वे निरंतर विधि विधान से पूजन और कथा का वाचन करते रहे। नौवें दिन कथा विश्राम के बारे मंे कुछ लोगों को पता चला तो उन्होंने कथा में पहुंच कर पंडितजी का स्वागत अभिनंदन किया।
आमतौर पर भागवत कथा के आयोजनों में भारी भीड़ जुटती है। लेकिन कस्बे के करहल तिराहे पर स्थित लक्ष्मीनरायण धर्मशाला में बिना भीड़ का भागवत आयोजन संपन्न हुआ है। कोविड-19 के कारण सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगी हुई है। ऐसे में पंडित श्याम किशोर मिश्रा ने भगवान लक्ष्मीनरायण को कथा श्रवण कराने का निर्णय लिया और वे लक्ष्मीनरायण धर्मशाला में प्रतिदिन कथा के मूलपाठ का वाचन करने लगे। पंडित जी का कहना था कि पुरुषोत्तम मास में पूजा अनुष्ठान का विशेष महत्व होता है।
चंद लोगों के अलावा इस बात की उन्होंने किसी को जानकारी नहीं दी। लेकिन बाद में कुछ लोगों को पता चला तो कुछ लोग कथा में शामिल हुए। कथा विश्राम के अवसर पर ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष डा मुकेश मणिकांचन, सचिव धमेंद्र दुबे एडवोकेट, देवकी नंदन मिश्रा, राधारमन शर्मा, हरिविलास शर्मा, शैलेश मिश्रा, डा अभिनय चतुर्वेदी, संजीव दुबे, विपिन उपाध्याय, आशीष उपाध्याय, आदि ने कथाव्यास का पूजन और अभिनंदन किया।