मरवाही विधानसभा से रिचा जोगी हो सकती है उम्मीद वार ? 

तखतपुर टेकचंद कारड़ा*

मरवाही विधानसभा से रिचा जोगी * हो सकती है* *जनता कांग्रेस से उम्मीदवार*

प्रदेश गठन होने के बाद से ही पूरे देश में सबसे चर्चित मरवाही विधानसभा इस बार ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र बन जाने से फिर से चर्चे में आ गया है और शायद वे जनता कांग्रेस से मरवाही विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की प्रत्याशी भी हो सकती है ऋचा का प्रमाण पत्र ऋचा रूपाली साधू के नाम से मुंगेली अनुविभागीय अधिकारी ने जारी किया है।

छत्तीसगढ प्रदेश का हाईप्रोफाईल विधानसभा सीट मरवाही प्रांरभ से ही चर्चे में रहा है जब नये प्रदेश का गठन हुआ तब वहां के तात्कालिन विधायक रामदयाल उईके को मुख्यमंत्री अजीत जोगी के लिए इस्तीफा दे दिया था और वहां पर हुए उपचुनाव में स्वर्गीय श्री जोगी ने रिकार्ड मतों से जीत दर्ज किया था तब से यह पूरे देश का चर्चित विधानसभा सीट बन गया वहीं गत चुनाव में 45395 मतों से स्व पूर्व मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद जोगी ने कांग्रेस के गुलाब कमरों को हराकर जीत दर्ज की थी। श्री जोगी का निधन 29 मई 2020 को हो जाने के बाद यह सीट खाली हो गया था तब से इस सीट पर तीनों पार्टी भाजपा कांग्रेस और जनता कांग्रेस की निगाहें लगी हुई है वहीं इस विधानसभा पर जीत दर्ज करने के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार सक्रीय दिखी और पहली कडी में गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिला बनाया तथा मरवाही को नगर पंचायत बनाने कि घोषणा की गई और इसके बाद मसला राज्यपाल तक पहुंच गया। जहां एक ओर कांग्रेस इस ओर प्रशासनिक तैयारीयों में जुटा हुआ था वहीं इस सीट पर फिर से कब्जा करने के लिए जनता कांग्रेस ने भी चुपके से दो महिने पहले ही अपनी तैयारीयां शुरू कर दी थी और इसकी भनक किसी को न लगे इसके लिए स्व अजीत जोगी की बहू ऋचा जोगी के नाम से उनके गृह जिले मुंगेली से जाति प्रमाण पत्र बनाने की तैयारी शुरू कर दी थी और शायद पार्टी ने मरवाही विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी ऋचा जोगी को बनाए जाने के लिए जो तैयारी शुरू की थी और शायद इसी का परिणाम है कि ऋचा ने अपना जाति प्रमाण पत्र ऋचा रूपाली साधू के नाम से बनवाया है ताकि इस घटना कि जानकारी किसी को पता न चल सके।

प्रमाण पत्र में ऋचा साधु- पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी के साथ ऋचा जोगी का विवाह हुआ है और वे जब अपना जाति प्रमाण पत्र अभी बनवाई है उसमें प्रमाण पत्र ऋचा रूपाली साधु पिता प्रवीण राज साधू निवास पेण्ड्रीडीह के नाम से बना है प्रमाण पत्र देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह आगामी चुनाव को देखकर ही बनाया गया है।

प्रमाण पत्र दो दिन में जारी- स्थायी जाति प्रमाण पत्र के लिए ऋचा ने अपना आवेदन 15 जुलाई को शाम लगभग 6 बजे दिया था और आवेदन जमा होने के बाद जो तिथि प्रमाण पत्र जारी होने के लिए निर्धारित की गई थी वह 24 अगस्त था परंतु प्रमाण पत्र ऋचा को 17 जुलाई की सुबह 11:54 मीनट पर ही जारी कर दिया गया। ऋचा का प्रमाण पत्र ऋचा रूपाली साधू पिता प्रवीण राज साधू के नाम से एसडीएम मुंगेली चित्रकांत चाली ठाकुर के द्वारा जारी किया गया है।

उपचुनाव पर सबकी निगाहें- जिस दिन से मरवाही विधानसभा सीट रिक्त हुआ है उस दिन से ही भाजपा कांग्रेस और जनता कांग्रेस इस सीट के लिए गुणा भाग करने लग गए और चुनाव कैसे अपने पक्ष में किया जाए इसके लिए मंथन करते रहे और जैसे ही उपचुनाव रणभेदी हुई तब से फिर और सक्रीयता बढ गई।

जिला बनाने की घोषणा से बिछी बिसात- इस चुनाव को अपने पक्ष में करने के लिए मतदाताओं को उनकी बहू प्रतिक्षित मांग गौरेला पेण्ड्रा मरवाही को जिला बनाने की घोषणा कर की गई। क्योंकि लम्बे समय से जिला बनाने की मांग की जा रही थी इस बीच सरकारें आयी और गयी लेकिन घोषणा पर अमलीजामा नही हो सका परंतु भूपेश बघेल ने उस क्षेत्र की लोगों की बहूप्रतिक्षित मांग को पूरा कर यह संदेश दिया कि इस क्षेत्र विकास के लिए कांग्रेस की सरकार प्रतिबद्ध है।

विकास कार्यो की सौगात- नवगठित जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही के क्षेत्र में विकास के लिए सरकार ने करोडों रूपए के विकास कार्यो की स्वीकृति और घोषणा किया गया है और मतदाताओं को संदेश दिया गया है कि अब तक की सरकारों ने इस क्षेत्र को विकास से कोषो दूर रखा लेकिन कांग्रेस की सरकार विकास के लिए कृत संकल्पित है।

मंत्री सहित नेताओं का जमावडा- विधानसभा क्षेत्र मरवाही में पिछले दो महिना से प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्रीयों का आना जाना लगा हुआ है वे लगातार बैठके कर रहे है और मतदाताओं को रिझाने का प्रयास कर रहे है तरह तरह के कार्यक्रम क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है वहीं संगठन के पदाधिकारी भी संगठन के लोगों को रिचार्ज करने में जुटे है।

कांग्रेस का गणित फेल- मरवाही विधानसभा को हर हाल में कांग्रेस जीतना चाह रही है इसके लिए हर तरह की गणित बैठा रही थी लेकिन ऋचा को प्रमाण पत्र मिल जाने से अब कांग्रेस संसय की स्थिति में आ गई है और अब फिर से नया गुणा भाग करना पडेगा और पूरी चुनावी बिसात नये तरीके से बिछाना पडेगा।