वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर जानलेवा हमला, बर्दाश्त नहीं, हम कड़ी निंदा करते हैं....* छ.ग. जर्नलिस्ट यूनियन बिलासपुर के जिलाअध्यक्ष भरत ठाकुर ने राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों की अनदेखी पर उठाये स

छत्तीसगढ़ के कांकेर में पुलिस थाने में एक पत्रकार के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही मारपीट का विरोध करने पर वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर जानलेवा हमला किया गया। यह घटना बेहद निंदनीय है, छ. ग. जर्नलिस्ट युनियन के जिला संभाग अध्यक्ष मनीष मिश्र, उपाध्यक्ष अशोक तिवारी, प्रदेश कार्य समिति के सदस्य शिव तिवारी, जिलाध्यक्ष भरत ठाकुर ने इसकी कड़ी निंदा की है। छ.ग. के मुख्यमंत्री भूपेश सरकार ने राज्य के पत्रकरों से किया वादा आजतक पूरा नहीं किया। पत्रकार सुरक्षा क़ानून बनाने को लेकर आजतक केवल प्रक्रिया ही चल रही है कांकेर में हुयी खुलेआम गुंडागर्दी के चलते पत्रकार सुरक्षा कानून की पोल खुल गयी है। भरत ठाकुर ने कहा है की सरकार को सत्ता में आये 2 वर्ष होने जा रहा है, किन्तु सरकार की पत्रकारों के प्रति अनदेखी को देखते हुए स्पष्ट है कि सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून छ.ग. में लागु करना नहीं चाहती, kank

साथ ही कहा हम सब साथ हैं, कड़ी कार्यवाही की मांग करते है। इस घटना को लेकर पत्रकार साथियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार पर हमला लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हमला है। पत्रकार विषम परिस्थितियों में अपने दायित्व का निर्वहन करते हैं। जनहित में समस्याओं को उठाते हैं। पत्रकारों पर आए दिन फर्जी मुकदमे लादकर पत्रकारों को दबाया जा रहा है। उनके साथ मारपीट की जा रही हैं। पत्रकारों का संरक्षण सरकार और प्रशासन का नैतिक कर्तव्य है। इस तरह की घटनाओं में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में शीघ्र पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करे। जिसका उल्लेख कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किया था। छ.ग. जर्नलिस्ट यूनियन के बिलासपुर जिला अध्यक्ष भरत ठाकुर ने कहा हालांकि मुझे न्यायपालिका पर विश्वास है, परन्तु गुंडे यदि आपको एक लगाए तो आप भी चार जरूर लगायें। जब तक पत्रकार सुरक्षा कानून नहीं बनता। अपनी सुरक्षा स्वयं करें। भाजपा ने बनाया नहीं,कांग्रेस ने 02 साल निकाल दिया। जिलों इस तरह के असामाजिक तत्वों द्वारा पत्रकरों कि पिटाई या हत्या हो जाना बात हो जाएगी, साथियों वक़्त आ गया है, जागने का, एक होने का, सम्मान कि लड़ाई लड़ने का।