प्रेमचंद का साहित्य हिंदी साहित्य का क, ख, ग है: प्रेमकुमार पाटीदार

डूंगरपुर। पूर्व उपजिला प्रमुख व जेल सलाहकार समिति के सदस्य प्रेमकुमार पाटीदार ने कोरोना काल में विशेष रूप से मुंशी प्रेमचंद के साहित्य की ओर लौटने को कहा हैं। पाटीदार ने कहा कि प्रेमचंद का साहित्य हिंदी साहित्य का क, ख, ग है जैसे रामचरितमानस की उपयोगिता है वैसे ही प्रेमचंद का साहित्य है। मात्र साक्षर ही नहीं दुनिया भर के कथा संसार में भ्रमण करने वाले भी लौट-लौट कर प्रेमचंद की ओर आते हैं। कक्षाओं में बगैर अपवाद के साल दर साल अगर किसी एक लेखक को पढ़ने वालों की तादाद सबसे अधिक होती है तो वह प्रेमचंद हैं। यही कारण है कि वाणी से हमने उनका खूब साहित्य प्रकाशित किया है, कर रहे हैं और लगातार करते रहेंगे।