बुजुर्गो द्वारा कही गई कहावत, *जाको राखे साइयां मार सकै न कोय* प्रत्यक्ष प्रमाणित हुई 

पुरातन से बुजुर्गो द्वारा कही गई ये कहावत आज अमेठी में चरितार्थ होती दिखी। दरअसल यूपी के अमेठी के मुसाफिरखाना से एक डंफर यूपी 70 एफ टी 7554 को प्रतापगढ़ जिले पितयी पुर निवासी सगीर पुत्र शब्बीर लखनऊ के गंगागंज में चल रही साइट पर जा रहा था। देर रात लगातार हो रही बारिश के दौरान लगभग 2 बजे जब डम्फर मुंशीगंज थाना क्षेत्र के सोरांव के पास वैसिया पुल पर पहुँचा ही था कि तभी मुसाफिरखाना की ओर से आ रही अज्ञात बोलेरो को बचाने के चक्कर मे डम्फर पुल के अगले हिस्से की बच्ची हुई रेलिंग को तोड़ते हुये नाले में गिर गयी। हालांकि पुल के दोनों तरफ ज्यादातर लंबाई में रेलिंग नहीं ही थी जो थोड़ी सी बची थी उसे डंफर ने तोड़कर रेलिंग विहीन कर दिया। लगातार हो रही बरसात व देर रात होने कारण डंफर के नाले में गिरने की आवाज़ किसी को सुनाई भी नहीं दी फिर किसी तरह से चालक व क्लीनर पानी कम होने की वजह से बाहर खुद निकल गए। टक्कर से बच निकलने वाली बोलेरो का पता नहीं चल सका।

ताज्जुब की बात तो ये रही बारिश की वजह से सुबह तक पानी पूरे उफान पर था और रात में लगातार तेज बारिश भी ही रही थी फिर डंफर के गिरने के दौरान वहां पानी कम पाया गया जिसे लोग किसी दैवीय शक्ति के कारण ऐसा होना मान रहे हैं। चालक व क्लीनर सुबह ही घटना स्थल के नजदीक निजी डॉक्टर से प्राथमिक उपचार करवाया जिसमे दोनो पूर्ण रूप से स्वस्थ निकले। हालांकि इलाज के बाद ही ड्राइवर व क्लीनर घटनास्थल से जा चुके थे।

आपको बता दें इसके पहले भी इस पुल से गिरने से लगभग आधा दर्जन लोगो की मौत भी हो चुकी है लेकिन रफ्तार में चल रहे डंफर के चालक व क्लीनर के सुरक्षित बच निकलने से यहाँ के जनमानस के बीच सिर्फ एक ही बात की चर्चा है कि *जाके रखै साइया मार सके न कोय* जबकि घटना स्थल को देखने पर उसमे सवार किसी के भी बच निकलने की उम्मीद नहीं ही की जा सकती थी।

अमेठी से अशोक श्रीवास्तव की रिपोर्ट