मरीजों की "सेवा का शपथ” लेने वाली नर्स ने ही इंसानियत को शर्मसार कर दिया

कहते हैं डॉक्टर व नर्स भगवान के दूसरे रूप होते है। आखिरी सांस तक लड़ते हुए मरीज को जीवित कर लेने की ललक पाले हुए डॉक्टर अंतिम क्षण तक लड़ता है लेकिन यूपी के अमेठी में एक ऐसी घटना घट गई जिससे इंसानियत शर्मसार हो गई।

अमेठी के मुंशीगंज थाना क्षेत्र के कुर्मी का पुरवा मजरे पूरब गांव की गर्भवती महिला मंजू रात में प्रसव पीड़ा शुरु होते ही आशा बहू फूलपती के साथ स्वास्थ्य केंद्र शाहगढ़ पहुंची जहां पर डयूटी पर मौजूद नर्स ने जांच पड़ताल कर दो घंटे का समय बताया और सोने चली गई। इसी दौरान स्ट्रेचर पर लेटी मंजू को प्रसव पीड़ा तेज हुई और नर्स व आशा बहू की गैरमौजूदगी में बच्चे का जन्म हो गया।

प्रसव पीड़ा से कराहने की आवाज सुनकर मंजू के साथ आई उसकी भतीजी ने नर्स को जगाकर आने के लिए कहा फिर भी नर्स नहीं आई। इसी दौरान नवजात शिशु स्ट्रेचर से नीचे गिर गया और गंभीर चोट लगने के कारण उसकी मौत हो गई। नवजात को देखने पर चोटों के निशान भी स्पष्ट दिखे। इस घटना को जैसे ही साथ आई कविता ने पुनः नर्स को बताया। आनन फानन में पहुंची नर्स ने कविता को बाहर रहने को कह अंदर गई और मृत नवजात को कपड़े में लपेटकर उसे कोरोना पॉजिटिव बताते हुए तुरंत दफनाने के लिए कहा।
कोरोना से घबराए परिजनों ने रात में ही बच्चे को दफना दिया। मामले की जानकारी अन्य परिजनों को जब हुई तो अस्पताल की नर्स व आशा बहू के खिलाफ लापरवाही से बच्चे की जान जाने का आरोप लगते हुए थाने पर तहरीर दी।
पुलिस से मामले को तुरंत संज्ञान में लेते हुए दफनाए गए स्थल पर दो सिपाहियों की डयूटी शव की रखवाली के लिए लगा दी और सुबह होते ही गड्ढा खुदवाकर शव को निकलवाकर पोस्टमॉर्टम के लिए जिलास्पताल भेजवा दिया।

पीड़ित मंजू की भतीजी कविता व जेठानी उर्मिला ने बताया कि नर्स द्वारा घोर लापरवाही बरती गई जिससे नवजात की मौत हो गई तो वहीं इस मामले पर अस्पताल में तैनात डॉक्टर राना ने बताया कि नर्स द्वारा बताया गया है नवजात मृत पैदा हुआ था।
बहरहाल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद अगली कार्यवाही होगी लेकिन ये घटना इंसानियत को शर्मसार कर गई जिसकी पूरे क्षेत्र में चर्चा है।

बाइट। उर्मिला जेठानी

बाइट कविता भतीजी

बाइट। डॉक्टर राना

अमेठी से अशोक श्रीवास्तव की रिपोर्ट