योगी जी जरा इधर एक नजर कर सुनिए इस महिला की पुकार, आप ही का इंतजार कर रही इसकी बेबस आखें चकिया- तहसील क्षेत्र के इस गांव निवासी  कैंसर पीड़ित बच्चे के इलाज के लिए  दर-दर भटक रही मां,अधिकारी कर रहे

योगी जी जरा इधर एक नजर कर सुनिए इस महिला की पुकार, आप ही का इंतजार कर रही इसकी बेबस आखें

चकिया- तहसील क्षेत्र के इस गांव निवासी कैंसर पीड़ित बच्चे के इलाज के लिए दर-दर भटक रही मां,अधिकारी कर रहे लापरवाही, नहीं ले रहे सूधी

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चंदौली/चकिया- अपने बच्चों की लाख गलतियों के बाद भी मां की ममता बच्चे के प्रति कभी कम नहीं होती है। और वह अपने सामर्थ्य तक बच्चे के हर परेशानियों को दूर करने का पूर्णता प्रयास करती है।लेकिन कभी-कभी माताओं के ऊपर ही कुछ ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं की माताएं चाह कर भी अपने बच्चे की कमियों को दूर नहीं कर पातीे हैं। और उन परेशानियों को दूर करने के लिए उनको लंबी लड़ाई लड़नी पड़ती है।

कुछ ऐसा ही मामला चंदौली जनपद के चकिया तहसील क्षेत्र के मुबारकपुर गांव में देखने को मिला है जहां कि एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसको लेकर किसके आंखों से आंसू नहीं छलक पाएंगे और किसका दिल नहीं काप उठेगा।
जहां गांव निवासिनी बंदना जायसवाल एक महिला अपने 10 वर्षीय बीमार बेटे के इलाज के लिए आज के वर्तमान समय में दर-दर भटकने को मजबूर हैं। और वह अपने कैंसर पीड़ित बच्चे को लेकर करीब 13 माह से कई छोटे से लेकर बड़े बड़े अस्पतालों तक का चक्कर काट चुकी है लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी अब तक उनके बेटे की बीमारी दूर नहीं हो सकी है। वही बंदना जायसवाल द्वारा अपने बेटे के इलाज के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र के माध्यम से भेज कर सहायता करने की मांग की है। और उक्त बातों को समाचार पत्र के माध्यम से भी प्रकाशित किया जा चुका है लेकिन लाख कहने के बाद भी अधिकारी इस पर सुधि नहीं ले रहे हैं। और वहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी इस मामले से अनजान होकर गहरी निद्रा में सोए हुए हैं।

इस मामले की जानकारी जैसे ही सीटी अपडेट न्यूज़ नेटवर्क के जिला संवाददाता कार्तिकेय पांडेय को हुई तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर पीड़ित महिला तथा उसके बच्चे से बातचीत किया तो बातचीत के दौरान वंदना जायसवाल ने बताया कि मैं करीब 13 महीने से अपने बेटे के इलाज के लिए दर-दर भटक रही हूं। और इसे बचाने के लिए मैं अपने शरीर का पूरा जेवर भी बेच दी हूं। तथा अपना जमीन भी गिरवी रख दिया हम और उस पैसे से अपने बच्चे को बचाने के लिए इलाज करा चुके हैं लेकिन फिर भी मेरा बच्चा अभी भी लंबी बीमारी प्लास्टिक एनीमिया से जूझ रहा है।और अब हमारे पास बच्चे के इलाज के लिए धन नहीं है कि मैं अपने बच्चे का इलाज करा सकूं। और मैं पत्र के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी तथा माननीय मुख्यमंत्री जी से सहायता के लिए गुहार लगाई हूं। जिससे कि हमारी कुछ मदद हो सके और मैं अपने बच्चे का सफल इलाज करा सकूं तथा हमारा बच्चा स्वस्थ रह सकें। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही परिस्थितियां बिगड़ती गई तो मौत के अलावा और कोई भी रास्ता नहीं होगा।

वह इस मामले को लेकर अधिकारी पूरी तरह से लापरवाह बने हुए हैं।और मामला संज्ञान में आने के बाद ही इस मामले को लेकर कोई सुधि नहीं ले रहे हैं। और बेटे के इलाज के लिए दर-दर भटक रहे मां की बातों को सुनकर इधर-उधर टाल दे रहे हैं।और वही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी इस मामले को पूरी तरह से अनजान होकर गहरी निद्रा में सोए हुए हैं।

अब देखना यह है कि जिला प्रशासन सहित तमाम जनप्रतिनिधि अपने बेटे के लिए इलाज के लिए भटक रही महिला के सहायता के लिए आगे आते हैं या नहीं।और इन लोगों द्वारा उस गरीब महिला को सहयोग राशि मिल पाती है या नहीं और वह महिला अपने बच्चे का सही तरीके से इलाज करा पाती है या नहीं।