टकराव: इस वजह से कांग्रेस जिलाध्यक्ष को मिली नोटिस, UP कांग्रेस ने Tweet कर कहा दर्ज कराएंगे FIR

अमेठी. राजस्थान से अमेठी लाए गए 70 लोगों के मामले पर जिला प्रशासन और कांग्रेस के मध्य टकराव की नौबत आ गई है। प्रशासन ने बिना अनुमति के लाए गए लोगों को सामग्री बांटने के मामले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष को नोटिस थमा कर तीन दिनो में स्पष्टीकरण मांगा है। वही प्रशासन की ओर से जारी हुई नोटिस के बाद कांग्रेस आक्रामक हो गई है। प्रदेश कांग्रेस की ओर से किए गए एक ट्वीट में कहा गया है कि 'झूठी न्यूज फैलाने के लिए आपके खिलाफ अमेठी कांग्रेस की तरफ से एफआईआर कराई जा रही है।'


आपको बता दें कि सोमवार को एसडीएम गौरीगंज राकेश कुमार ने अमेठी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल को एक नोटिस जारी किया था। एसडीएम ने नोटिस के माध्यम से कहा था कि 3 मई को गौरीगंज के मनीषी महाविद्यालय में लोनी डिपो (गाजियाबाद) की दो बसे यूपी 14- एफटी 8083 और यूपी 14 एफटी 8094 से 70 व्यक्ति पहुंचे थे। एसडीएम ने जिलाध्यक्ष को लिखा कि आपने महाविद्यालय में 70 व्यक्ति को केवल एक छोटा नमकीन का पैकेट और एक छोटा बंद वितरित किया था। प्रशासन द्वारा दोनो बसों से आए 70 व्यक्तियों को शासन के निर्देश पर सरकारी बसों से जनपद अमेठी लाया गया था। मेडिकल चेकअप के बाद खाना खिलाकर सरकारी बसों से उन्हे उनके घर भेजा गया था। जबकि बिना परमिशन के आपके द्वारा सामग्री वितरण किया गया। इस नोटिस के संबंध में प्रशासन ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष से जवाब मांगा है।
वही उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने अमेठी जिला प्रशासन की इस कार्यवाही के बाद ट्वीट किया है। कांग्रेस की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया कि 'बाहर फंसे हुए मजदूर कांग्रेस के प्रयासों से अमेठी आकर मनीषी महाविद्यालय में क्वारांटीन हैं। उनमें से कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं है। डीएम अमेठी कनफर्म कर सकते हैं। झूठी न्यूज फैलाने के लिए आपके खिलाफ अमेठी कांग्रेस की तरफ से एफआईआर कराई जा रही है।'