बार्डर पर हुई सख्ती, पसरा सन्नाटा, सेक्टर मजिस्ट्रेट काम से बने अन्जान

जिले के मुखिया के प्रयास से जिले में चहुँओर लॉकडाउन का पूरा असर नजर आ रहा है। उनके द्वारा जिले में ताबड़तोड़ किये जा रहे दौरे का असर यह है कि जनता घर मे रह रही है वही कुछ कार्यो में मिली छूट की वजह से ही जनता दैनिक जरूरतों के लिये बाहर निकल रही है। वही सड़को पर गाड़िया व आम जन मानस भी नजर नही आ रहे है।

विदित हो कि कोतवाली मुंशीगंज के परतोष सुल्तानपुर अमेठी बॉर्डर पर पुलिस बल पूरी मुस्तैदी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही है। बार्डर पर तैनात उपनिरीक्षक रणजीत सिंह उनकी टीम के सख्ती के चलते पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है। सिर्फ बीमार व असहाय लोग तथा आवश्यक समान ढोने वाले वाहन, पास वाले वाहन को ही जिले में आने व दूसरे जिले में जाने दिया जा रहा है। वही सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात पशु चिकित्साधिकारी भेटुआ डॉ एस के चौधरी को अपने कर्तव्यों के बारे में पता ही नही, उनसे जब संवाददाता ने जानना चाहा तब उन्होंने कहा कि 1 बजे हमको ड्यूटी का आदेश मिला, हम चले आए। वहीं जब इस संवाददाता ने उनसे खुद के मास्क व सेनिटाइजर के बारे में पूंछा तो उनका जवाब था कि अभी प्रशासन द्वारा हमें सेनेटाइजर उपलब्ध नहीं कराया गया है, जब उपलब्ध होगा तो देखा जाएगा। अब ऐसे अधिकारी को सेक्टर मजिस्ट्रेट का कर्तव्य निभाने की जिम्मेदारी दी गई है जिसे अपने कर्तव्यों की जानकारी ही नहीं है। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से कैसे रोक पायेगा ये पशु चिकित्सक। ऐसे कार्यों को करते हुए कहीं खुद न वायरस का शिकार हो जाय। प्रशासन ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारी की सुरक्षा के बारे में सोचते हुए इन्हे सेनिटाइजर अविलंब उपलब्ध कराकर खुद इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे।