उत्तर मध्य रेलवे : ऊर्जा संरक्षण एवं ऊर्जा दक्षता की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि

उत्तर मध्य रेलवे : ऊर्जा संरक्षण एवं ऊर्जा दक्षता की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि

वर्ष 2025-26 (अप्रैल-नवंबर) में 3.5 MWp की अतिरिक्त सोलर ऊर्जा क्षमता की वृद्धि

उत्तर मध्य रेलवे महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे नरेश पाल सिंह के नेतृत्व में हरित ऊर्जा के सतत उपयोग हेतु प्रतिबद्ध है एवं इसको एक मिशन के रूप मे लिया है | उत्तर मध्य रेलवे (NCR) ने पर्यावरण संरक्षण एवं ऊर्जा दक्षता की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त की है। उत्तर मध्य रेलवे में वर्तमान में 16.2 मेगावाट पीक (MWp) की सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित है । ज्ञात हो कि, वर्ष 2024-25 तक उत्तर मध्य रेलवे में सोलर ऊर्जा (हरित ऊर्जा) की कुल स्थापित क्षमता 12.7 MWp थी। वर्ष 2025-26 (अप्रैल-नवंबर) में 3.5 MWp की अतिरिक्त सोलर ऊर्जा (हरित ऊर्जा) की क्षमता में बढ़ोत्तरी की गई, जिससे वर्तमान में कुल स्थापित सोलर ऊर्जा (हरित ऊर्जा) की क्षमता 16.2 MWp हो गई है। इसके माध्यम से वित्तीय वर्ष 2025-26 (नवंबर तक) में 86 लाख यूनिट विद्युत ऊर्जा का उत्पादन किया गया है, जिससे लगभग रु 4.16 करोड़ की बचत हुई है, अब तक सौर ऊर्जा से कुल 8.386 करोड़ यूनिट विद्युत उत्पादन किया जा चुका है, जिसके फलस्वरूप लगभग रु 35.42 करोड़ की कुल बचत दर्ज की गई है, साथ ही 7227 मेट्रिक-टन कार्बन-डाई-ऑक्साइड (ग्रीन हाउस गैस) का उत्सर्जन रोका गया।

इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुये 14.11 मेगावाट पीक क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों का कार्य प्रगति पर है। इसका पूर्ण होने के पश्चात उत्तर मध्य रेलवे की कुल सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता बढ़कर 30.31 मेगावाट पीक हो जाएगी । इससे प्रतिवर्ष अनुमानित रुपए से 3.23 करोड़ यूनिट विद्युत उत्पादन होगा, जिससे लगभग 27,187 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी तथा प्रतिवर्ष लगभग रु 14.9 करोड़ की बचत होगी ।

उत्तर मध्य रेलवे ने हरित ऊर्जा की दिशा में प्रगति करते हुए इसके कार्यालय भवनों को शून्य और शून्य प्लस प्रमाणीकरण हेतु एक विस्तृत योजना तैयार की है। इस योजना के अंतर्गत उत्तर मध्य रेलवे के सभी भवनों में ऊर्जा की कुल खपत का आकलन करके, उन्नत विश्व स्तरीय तकनीकों से ऊर्जा के खपत मे कमी लाकर तथा सौर ऊर्जा पैनल द्वारा उतना ही अथवा उससे अधिक ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है। जिससे यह भवन अपनी ऊर्जा खपत के बराबर स्वयं ही सौर पैनलों के माध्यम से उत्पादन कर लेता है और किसी बाहरी स्त्रोत से ऊर्जा की आवश्यकता नहीं रहती तथा यह भवन शून्य और शून्य प्लस प्रमाणित हो जाता है | यह प्रमाणपत्र भारत सरकार द्वारा नामित ऊर्जा संरक्षण ब्यूरो के एक्रेडिटिड एनर्जी ऑडिटर द्वारा पूरे भवन का ऊर्जा ऑडिट करके जारी किया जाता है|

उत्तर मध्य रेलवे के 10 भवनों को वर्ष 2024-25 के दौरान 10 सर्विस बिल्डिगों को BEE (ऊर्जा दक्षता ब्यूरो) द्वारा शून्य/शून्य-प्लस प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है। उत्तर मध्य रेलवे अपनी सर्विस बिल्डिगों को भी ऊर्जा दक्ष बनाने एवं ऊर्जा दक्षता प्रमाणित करने की दिशा में महत्तवाकांशी कदम उठा रहा है। उत्तर मध्य रेलवे इस वर्ष भी 14 और सर्विस बिल्डिगों को प्रमाणपत्र दिलवाने के लिए आवश्यक कदम उठा चुका है।

उत्तर मध्य रेलवे ऊर्जा संरक्षण कि दिशा में निरंतर अग्रसर है। विगत दो वर्षों से उत्तर मध्य रेलवे, ऊर्जा संरक्षण के कार्य में अव्वल रहा है, जिसमें ?जोनल रेल्वे केटेगरी? में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार-2023 का प्रथम पुरस्कार, ?उत्तर प्रदेश ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार-2024? का प्रथम पुरस्कार एवम ?बिल्डिंग केटेगरी? में सूबेदारगंज रेल्वे स्टेशन को ?सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट? प्राप्त कर नया कीर्तिमान गढ़कर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। इन पुरस्कारों से ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में हमारे प्रयासों और कार्यों को राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई है।

हरित ऊर्जा के कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा यतेंद्र कुमार प्रधान मुख्य बिजली इंजीनियर एवं संजीव कुमार प्रधान मुख्य बिजली इंजीनियर पी.यू. एंड सा.से. के नेतृत्व एवं दिशा-निर्देश मे पूरे मनोयोग एवं संकल्प के साथ पूरे उत्तर मध्य रेलवे मे कार्यान्वित की गई|