तहसील कार्यालय में फौत नामांतरण कार्यों में सुस्ती, परेशान आवेदक, तीन माह बीतने के बाद भी अटका मामला।

बैकुण्ठपुर। तहसील कार्यालय बैकुण्ठपुर में कार्यों में हो रही लापरवाही का एक और मामला सामने आया है। ग्राम कंचनपुर की आवेदिका सुशीला बीते तीन माह से फौत (विरासत नामांतरण) के लिए तहसील कार्यालय का चक्कर काट रही हैं, लेकिन अब तक उनके प्रकरण का निराकरण नहीं हो पाया है। हैरानी की बात यह है कि तहसीलदार द्वारा एक माह पूर्व ही आदेश जारी कर दिया गया था, इसके बावजूद कार्यालयीन अमला मामले को आगे बढ़ाने में टालमटोल कर रहा है जबकि पूर्व में कोरिया कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी द्वारा तहसील कार्यालय में पहुंच कर कार्यालय का निरीक्षण कर लापरवाह कर्मचारियों को फटकार भी लगाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है जानकारी के अनुसार, सुशीला कंचनपुर का फावती प्रकरण तीन माह पूर्व दर्ज हुआ था। तहसीलदार बैकुण्ठपुर ने लगभग एक माह पहले ही संबंधित पटवारी व कर्मचारियों को कार्यवाही के आदेश दिए थे। लेकिन आदेश का पालन न होने से आवेदिका को बार-बार कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं शुक्रवार को उन्हें फिर से फावती संबंधी कार्यवाही के लिए तहसील कार्यालय बुलाया गया, लेकिन वहां मौजूद अतिरिक्त तहसीलदार ने प्रकरण को निपटाने की बजाय आवेदिका को टालते हुए इधर-उधर भटकाते रहे कार्यालय से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अतिरिक्त तहसीलदार के आने के बाद कई राजस्व प्रकरणों में निराकरण की गति धीमी हो गई है आवेदकों को एक ही काम के लिए कई-कई दिनों तक बुलाया जाता है और समय पर निपटारा नहीं होने से लोग परेशान हैं सुशीला का मामला भी इसी लापरवाही की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है ग्रामीणों का कहना है कि तहसील कार्यालय में आदेशित प्रकरणों पर भी कार्रवाई नहीं होना सीधी लापरवाही और गैर जिम्मेदारी को दर्शाता है लोग अपने छोटे-छोटे कार्यों के लिए महीनों चक्कर काट रहे हैं और उन्हें केवल आश्वासन मिल रहा है आवेदकों ने कलेक्टर से मांग की है कि ऐसे मामलों में तत्काल संज्ञान लेकर जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित करें, ताकि आमजन के कार्य समय पर पूरे हो सकें और लोगों को राहत मिल सके।