श्रीगंगानगर, श..."> श्रीगंगानगर, श..."> श्रीगंगानगर, श...">

श्रीगंगानगर: हाईटेक रामलीला: धर्म और अध्यात्मता को जीवित रखने का अनोखा प्रयास

श्रीगंगानगर, श्री गंगानगर में हर वर्ष भव्य और आधुनिक तरीके से रामलीला का मंचन करने वाली श्री रामलीला सेवा समिति के अध्यक्ष कृष्ण गुनेजा ने कहा है कि रामलीला आज भी उतनी ही प्रासंगिक और महत्वपूर्ण है, जितनी कि यह प्रारंभिक काल में थी। उन्होंने इसे वर्तमान दौर में धर्म और अध्यात्मिकता को जीवित रखने का एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया, जिसे समाज के सभी वर्गों के सहयोग से ही साकार किया जा सकता है। श्री गुनेजा रिद्धि सिद्धि कॉलोनी प्रथम के प्लैटिनम पार्क में आयोजित हाईटेक रामलीला के मंच पर आज पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर समिति के सचिव पवन वधवा, डायरेक्टर सेनापति नारंग, उपाध्यक्ष महेश सारस्वत, कोषाध्यक्ष संजय गोयल, रामलीला के प्रभारी अनिल डोडा काली और सामाजिक कार्यकर्ता केपी योगी सहित अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित थे।

अध्यक्ष कृष्ण गुनेजा ने कहा कि आज के डिजिटल युग में, जहां टीवी, मोबाइल और सोशल मीडिया का प्रभुत्व है, रामलीला के मंचन को आधुनिक बनाने के लिए समिति ने हाईटेक तकनीकों का भरपूर उपयोग किया है। इसमें लाइव टेलीकास्ट, बड़ी एलईडी स्क्रीन, शानदार लाइटिंग और साउंड सिस्टम शामिल हैं, जो दर्शकों को एक जीवंत अनुभव प्रदान करेंगे।उन्होंने अपील की कि लोग अधिक से अधिक संख्या में अपने परिवारों के साथ रामलीला देखने आएं, क्योंकि यह एक पारिवारिक माहौल में आयोजित की जाती है। रामलीला के दृश्यों को इतनी तेजी और तारतम्य के साथ प्रस्तुत किया जाता है कि इसका मूल स्वरूप बरकरार रहता है। हर सीन में दर्शक रोमांच महसूस करते हैं, साथ ही रामायण के प्रत्येक प्रसंग से सामाजिक, पारिवारिक और मर्यादा से जुड़े संदेश प्राप्त करते हैं। यह न केवल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि नैतिक मूल्यों को मजबूत करने का सशक्त साधन भी है।

समिति के सचिव पवन वधवा ने इस वर्ष की विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इस बार रामलीला का मंच फाइबर सामग्री से तैयार किया गया है, जो रामायण काल के दरबार और महलों जैसा भव्य प्रतीत होता है। मंचन स्थल पर पूर्ण धार्मिक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए बल्ली महाराज के अलावा मंच के दोनों ओर हनुमान जी और राधा-कृष्ण के मंदिर भी स्थापित किए गए हैं। इससे दर्शकों को एक पवित्र और आध्यात्मिक अनुभूति होती है। इसके अलावा, सभी कलाकारों की वेशभूषा को विशेष रूप से आकर्षक बनाया गया है, जो न केवल दर्शकों को मोहित करती है, बल्कि कलाकारों को भी अपने अभिनय में एक अलग ऊर्जा और भावना प्रदान करती है। वधवा ने जोर देकर कहा कि ये सभी नवाचार रामलीला को आधुनिक पीढ़ी के लिए और अधिक आकर्षक बनाने के उद्देश्य से किए गए हैं, ताकि युवा भी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ सकें।

डायरेक्टर सेनापति नारंग ने कलाकारों की तैयारी पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कलाकारों ने अथक मेहनत से रिहर्सल की है, जिसका परिणाम हर दृश्य और प्रसंग में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। रामलीला को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ नए प्रयोग भी अपनाए गए हैं, जैसे विशेष प्रभावों का उपयोग जो रामायण की घटनाओं को जीवंत बनाते हैं। नारंग ने कहा कि इन प्रयोगों से रामलीला न केवल पारंपरिक रहती है, बल्कि समकालीन दर्शकों की अपेक्षाओं को भी पूरा करती है।

उपाध्यक्ष महेश सारस्वत ने संगीत और भजनों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस बार भजन और उनका संगीत पूरी तरह से नया क्रिएट किया गया है। सभी नए भजन लिखे गए हैं, जिनका संगीत इतना दमदार और मधुर है कि यह दर्शकों को गहराई से प्रभावित करेगा। ये भजन रामलीला के प्रसंगों को और अधिक भावपूर्ण बनाएंगे तथा दर्शकों में भक्ति की भावना जागृत करेंगे हैं।

रामलीला के प्रभारी अनिल डोडा काली ने दर्शकों की सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष दर्शकों के बैठने की व्यवस्था में सुधार किया गया है, ताकि हर कोई रामलीला का पूर्ण आनंद ले सके। व्यवस्थाओं को सुचारू रखने के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया है, जो सुरक्षा, पार्किंग और अन्य सुविधाओं का ध्यान रखेंगी। सामाजिक कार्यकर्ता केपी योगी ने सभी सदस्यों के सहयोग की सराहना की और कहा कि सबके सामूहिक प्रयासों से इस वर्ष रामलीला का स्तर और ऊंचा होगा। यह दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव साबित होगा।

समिति के सचिव पवन वधवा ने बताया कि कल रविवार रात को रामलीला के मंच पर राजस्थान की प्रसिद्ध श्री रामचरित मानस भजन मंडली द्वारा संगीतमय सुंदरकांड का पाठ किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य यजमान विधायक जयदीप बिहानी, रिद्धि-सिद्धि डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी मुकेश शाह और समाजसेवी डॉ. अश्वनी नागपाल थे। रामलीला सेवा समिति के सभी पदाधिकारी, सदस्य और कलाकार अपने परिवारों सहित उपस्थित रहे।

रामलीला का विधिवत मंचन आज सोमवार रात से प्रारंभ हो रहा है। समिति ने सभी शहरवासियों से अपील की है कि वे इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में भाग लें और इसे सफल बनाएं। यह आयोजन न केवल परंपराओं को जीवित रखता है, बल्कि समाज में एकता और सद्भावना का संदेश भी फैलाता है