पूर्व सांसद कनकलता सिंह प्रेस वार्ता कर गिनाई देवरिया की दुर्दशा

देवरिया। पूर्व राज्यसभा सदस्य कनकलता सिंह ने देवरिया की दुर्दशा को मुख्य मुद्दा बताते हुये चुने हुए भाजपाई जन प्रतिनिधियो द्वारा धार्मिक झगड़े उभारने को उनकी और सरकार की नाकामी बताया तथा कहा कि अभी तो चर्चा चीनी मील, सड़क, पुल, बस स्टेशन, सदर अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, मंहगाई, रोजगार, चिकित्सा, सुरक्षा आदि पर होनी चाहिए लेकिन इन सभी मुद्दों पर फिसड्डी साबित हुई, वही जन प्रतिनिधि और सरकार केवल धर्म को अपने बचाव में उपयोग कर रही है।

वहीं धर्मांतरण मामले पर पूर्व सासंद ने कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए हमलोगो का डेलिगेशन जा रहा है जांचकर रिपोर्ट देगा। देवरिया की धरती पर सौहार्द नहीं बिगड़ा है हमेशा भाई चारे का माहौल रहा है।

कनकलता सिंह ने कहा कि मैने राज्यसभा सदस्य के अपने अल्प कार्यकाल में देवरिया में साढ़े चार करोड़ रुपए लागत से मोहन सिंह सभागार बनवाया जो आज खस्ताहाल हालत में है। बरहज का मोहन सेतु जिस हेतु मैने 200 करोड़ रुपए तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पीडब्ल्यूडी एवं सेतु निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव से स्वीकृत कराया था वह आज भी अपूर्ण है जबकि देश, प्रदेश, जिला पंचायत, नगर पंचायत से लेकर सभी संस्थाओं पर भाजपा का कब्जा है।

श्रीमती सिंह ने कहा कि आखिर देवरिया के सभी लोकतांत्रिक संस्थाओ पर भाजपा के जनप्रतिनिधियों का कब्जा है उन लोगों को यह नहीं दिखता है कि देवरिया का मोहन सिंह स्मारक जिला अस्पताल वजूद में ही नहीं है, बस स्टेशन का कोई ढांचा ही नहीं है, मेडिकल कालेज मरीजों को रेफर कर सफेद हाथी बना हुआ है। मेडिकल कालेज परिसर में स्थित पोस्टमार्टम हाउस पर कोई रैन बसेरा या प्रतीक्षालय नहीं है जिसमें मृतकों के दुखी परिजन बैठ सकें।
श्री सिंह ने कहा कि पोस्टमार्टम का कार्य चौबीस घंटे में एक बार होता है जिस नाते मृतकों के परिजन दो-दो दिनों तक भूखे-प्यासे परेशान रहते हैं। जन सुविधा को देखते हुए पोस्टमार्टम हेतु स्थाई चिकित्सक नियुक्त होना चाहिए या कई शिफ्ट में पोस्टमार्टम कार्य किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सोनूघाट-बरहज रोड एवं मगहरा रोड बेहतर और चौड़ा होना चाहिए तो बेलडांड मार्ग बनने के बाद टूटकर कमीशन खोरी की भेंट चढ़ गया है। क्या यही भाजपा का सुशासन है? उन्होंने कहा कि जब मैं राज्यसभा में थीं तो गोरखपुर से कुशीनगर तक रेल लाईन बिछाने का सवाल उठाई थीं लेकिन तीसरी बार केंद्र में सत्तासीन सरकार आज तक इस परियोजना को पूर्ण नहीं कर सकी।
पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं सपा नेत्री कनकलता सिंह ने कहा कि मैने अपने पिता मोहन सिंह की कार्यशैली को देखा है, मेरा प्रण है कि मुझे कुछ मिले या न मिले लेकिन मैं क्षेत्र और समाज के लिए अपने अंतिम सांस तक लड़ती रहूंगी।