जैन समाज के दसलक्षण महापर्व का आगाज 28 अगस्त से


28 अगस्त से 6 सितम्बर तक धार्मिक ,समाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के होंगे आयोजन


जैन धर्म मे दसलक्षण पर्व का बहुत महत्व है कोई भी पर्व किसी घटना या महापुरुष से सबंधित होता है किन्तु जैन धर्म का यह पर्व आत्मा से जुड़ा हुआ है इसलिए से महापर्व कहते हैं यह महान पर्व का शुभारंभ 28 अगस्त से 6 सितंबर सितंबर तक एवं क्षमावाणी पर्व के साथ 8 सितम्बर को समापन होगा। यह बातें रविवार को जैन समाज सेवा समिति (रजि.) अलीगढ़ के संयोजक राजीव जैन ,मंत्री मुनेश जैन,मीडिया प्रभारी मयंक जैन,नीरज जैन ने पत्रकार वार्ता मे बताई । उन्होंने कहा कि यह पर्व जैन समाज का सबसे पवित्र पर्व है इस दौरान नगर के जैन मंदिरों में धर्म प्रभावना की जाती है मंदिरों मे विशेष साफ सफाई एवं सुंदर जगमग रोशनी से सजाया जाता है दिगंबर संप्रदाय में यह पर्व प्रति वर्ष भाद्रपद शुक्ल पंचमी से चतुर्दशी तक मनाया जाता है इन दौरान जैन मंदिर खूब आनंद छाया रहता है जैन अनुयायी उपवास,जप ,तप, साधना आराधना और उपासना के जरिए जीवन को पवित्र करते है यह आत्म शोधन का पर्व है प्रतिदिन शहर के जैन मंदिरों मे प्रात: जैन श्रावक श्राविका पूजन ,विधान , स्वाध्याय, ध्यान आदि धार्मिक क्रियाओं मे लीन रहते है।
सांयकालीन मंदिरों मे प्रवचन आरती ,भजन एवं समाज की संस्थाओ द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते है। अनंत चतुर्दशी के दिन में मंदिरों मे शाम को श्रीजी का जलाभिषेक होता है। *जैन समाज सेवा समिति द्वारा प्रथमवार आगरा रोड पर राहगीरों को प्रात: निःशुल्क अन्नपूर्णा थाली का वितरण दस दिनों तक किया जायेगा।जोकि विभिन्न परिवारों द्वारा सहयोग के माध्यम से आयोजित होगा* श्री लख्मीचंद पांड्या खंडेलवाल दिगम्बर जैन ट्रस्ट मंदिर के मंत्री विजय कुमार जैन ने बताया कि प्रत्येक दिन प्रात: जैन मिलन महिला अलीगढ़ के सहयोग से संगीतमय सामूहिक पूजन का आयोजन मथुरा से पधार रहे अंकित जैन शास्त्री के निर्देशन में होगा। श्री पार्श्वनाथ दिंगबर जैन खंडेलवाल मंदिर पंचायत के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन ने बताया कि दोपहर को प्रत्येक दिन पुण्यार्जक परिवारों द्वारा विधानों का आयोजन किया जायेगा , 8 सितंबर को विशेष रूप से प्रात: पालकी यात्रा एवं शाम को रथयात्रा के साथ क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा जिसमें सभी से संपूर्ण वर्ष में हुई गलतियों का पश्चाताप करते हुए क्षमा याचना करेंगे। 9 सितम्बर को सामूहिक जागरण एवं 14 सितंबर को जैन समाज का मिलन समारोह भी आयोजित किया जा रहा है।
श्री पल्लीवाल दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर छिपेटी के कोषाध्यक्ष अशोक जैन ने बताया कि 10 दिनों तक तेरह द्वीप विधान का आयोजन छतरपुर से पधारे प्रतिष्ठाचार्य नरेंद्र जैन शास्त्री के निर्देशन में सम्पन्न होगा एवं 2 सितम्बर का नितिन एण्ड पार्टी द्वारा भजन संध्या का आयोजन रखा गया है। 8 सितंबर को दोपहर 1 बजे से जल यात्रा मेला का आयोजन विभिन्न मार्गों से होते हुए मंदिर जी में सम्पन्न होगी।
श्री शीतलनाथ दिगम्बर जैन मंदिर लेखराज नगर में अतिशय जैन हरदुआगंज वालों ने बताया कि प्रात: मंदिर में अभिषेक ,शांतिधारा,पूजन एवं रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।
यह है दसलक्षण पर्व
1.क्षमा- सहनशीलता। क्रोध को पैदा न होने देना। क्रोध पैदा हो ही जाए तो अपने विवेक से, नम्रता से उसे विफल कर देना।
2.मार्दव- चित्त में मृदुता व व्यवहार में नम्रता होना। 3.आर्जव- भाव की शुद्धता। जो सोचना सो कहना। जो कहना सो करना।
4.शौच- मन में किसी भी तरह का लोभ न रखना। आसक्ति न रखना। शरीर की भी नहीं।
5.सत्य- यथार्थ बोलना। हितकारी बोलना। थोड़ा बोलना।
6.संयम- मन, वचन और शरीर को काबू में रखना।
7.तप- मलीन वृत्तियों को दूर करने के लिए जो बल चाहिए, उसके लिए तपस्या करना।
8.त्याग- पात्र को ज्ञान, अभय, आहार, औषधि आदि सद्वस्तु देना।
9.अकिंचन्य- किसी भी चीज में ममता न रखना। अपरिग्रह स्वीकार करना।
10.ब्रह्मचर्य- सद्गुणों का अभ्यास करना और अपने को पवित्र रखना।