दबंगो के आगे नतमस्तक हुई कासगंज पुलिस


11 अगस्त को लूट एवं जानलेवा हमले की घटना के आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर

अलीगढ़/कासगंज। एसएसपी ,डीआईजी, मुख्यमंत्री एवं अन्य बड़े अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के पास फरियादियों की भीड़ ऐसे ही नहीं लगी रहती है। इसका मुख्य कारण है कि थाने और चौकियों के द्वारा पीड़ितों की शिकायतों और एफआईआर पर उचित कार्रवाई न होना। स्वयं सोचने वाली बात है कि रोजाना सैकड़ो की तादाद में जिले के मुखिया एसएसपी के पास इतने लोगों की फरियाद क्यों आती हैं ? जवाब सीधा है क्योंकि उनकी सुनवाई थाने और चौकियों पर नहीं की जाती है । ऐसा ही एक मामला कासगंज के नदरई क्षेत्र का है, जहां पर 11 अगस्त को कुछ लोग जुआ खेल रहे थे, तभी वहां से दो युवक जीजा और साले जा रहे थे, जिन्होंने आरोपी लोगों से जुआ खेलने से मना किया। तभी जुआ खेलने वाले लोग उग्र हो गए और दोनों जीजा और साले पर जानलेवा हमला कर दिया। हमले में जीजा और साले को गंभीर चोटें आई। जिनके बाद बमुश्किल थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। लेकिन लूट जैसी घटना में भी अभी तक आरोपी बाहर घूम रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि आरोपी नदरई चौकी के सामने ही कार्य करते हैं जो कि दिन रात का पुलिस से सामना है। उसके बाद भी अगर आरोपी नहीं पकड़े जा रहे हैं तो स्वयं विचार मंथन वाली बात है। पुलिस की छवि धूमिल करने का एक खास कारण सरकारी मुलाजिमों के द्वारा यह भी है कि फरियादियों की शिकायतों पर उचित कार्रवाई न होना, जिसके कारण आए दिन जिले के मुखिया और अन्य उच्च स्तरीय अधिकारियों के पास फरियादियों की शिकायतों का तांता लगा रहता है।