Chandauli News: "घोषणा हवाई, सुविधा गायब: रक्षामंत्री के गृहनगर चकिया में महिलाओं को मिला धोखा, नेताओं की लापरवाही पर फूटा गुस्सा"

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रक्षाबंधन के अवसर पर प्रदेश की माताओं और बहनों को 8 अगस्त सुबह 6 बजे से 10 अगस्त रात 12 बजे तक रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा का तोहफा देने का एलान किया था।प्रदेश के कई जिलों में यह योजना लागू भी हुई, महिलाएं खुशी-खुशी यात्रा करती दिखीं, लेकिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के गृह नगर चकिया में यह योजना पूरी तरह फेल हो गई। यहां महिलाओं को न तो बसें मिलीं, न कोई सरकारी व्यवस्था सिर्फ धोखा और मायूसी।

*20 दिनों से ठप बस सेवा, रक्षाबंधन पर टूटा सपना*
चकिया नगर का एकमात्र सरकारी रोडवेज बस स्टैंड पिछले 20 दिनों से वीरान पड़ा है। बस सेवाएं पूरी तरह ठप हैं। रक्षाबंधन के दिन सुबह से ही महिलाएं और युवतियां मुफ्त यात्रा की उम्मीद में बस स्टैंड पहुंचीं। कुछ बुजुर्ग माताएं भारी झोले लिए खड़ी रहीं, कुछ युवतियां भाई के घर जाने की तैयारी में थीं, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी कोई बस नहीं आई।सबसे शर्मनाक यह कि बस स्टैंड पर एक भी कर्मचारी मौजूद नहीं था जो यह जानकारी दे सके कि यहां सेवा बंद है। महिलाएं इधर-उधर भटकती रहीं, अंततः निजी वाहनों पर महंगा किराया देकर सफर करने को मजबूर हो गईं।

*जनता का आक्रोश "अगर रक्षामंत्री के घर का यह हाल है..."*
नाराज़ महिलाओं का कहना था कि जब रक्षामंत्री के अपने गृह नगर में ही महिलाओं को यह सुविधा नहीं मिल पाई तो बाकी प्रदेश का क्या हाल होगा? यह सरकार और नेता सिर्फ भाषण और फोटो खिंचवाने तक ही सीमित हैं, जनता उनके एजेंडे में कहीं नहीं है।"एक कॉलेज छात्रा ने तंज कसते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि बस फेसबुक और व्हाट्सऐप पर मुख्यमंत्री को बधाई देने में माहिर हैं। असली काम के समय, जब हमें उनकी जरूरत होती है, तब वे नदारद रहते हैं।"

*मंत्री से मुलाकात, वादे पर वादा, लेकिन नतीजा?शून्य*
यह कोई नई समस्या नहीं है। चकिया विधायक कैलाश खरवार कई बार परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से मुलाकात कर चुके हैं, रोडवेज बस स्टैंड के सुंदरीकरण और विभिन्न मार्गों पर बस सेवा शुरू करने की मांग भी कर चुके हैं। मंत्री ने हर बार "जल्द व्यवस्था होगी" का भरोसा दिया, लेकिन महीनों बीत गए बस सेवा शुरू होने का नाम नहीं ले रही।लोगों का कहना है कि अगर नेताओं के वादे और घोषणाएं ऐसे ही हवा में उड़नी हैं तो जनता के साथ यह खुली ठगी है।

*खोखली घोषणाओं का प्रतीक बन गया चकिया*
रक्षाबंधन पर महिलाओं को मुफ्त यात्रा देने की योजना का लाभ चकिया की माताओं-बहनों तक नहीं पहुंच सका। इससे साफ है कि घोषणाओं और जमीनी हकीकत के बीच की खाई पाटने में नेताओं को कोई दिलचस्पी नहीं है।रक्षा मंत्री का गृह नगर होते हुए भी महिलाओं को यह सुविधा न मिलना केवल नाकामी नहीं, बल्कि धिक्कार का विषय है।ऐसा धिक्कार जो पूरे राजनीतिक नेतृत्व को शर्मिंदा करने के लिए काफी है।