Big News:अचानक गंगा नदी में आई बाढ़ में बह गए 50 पीपा,वाराणसी से लेकर चंदौली व बलिया तक हड़कंप, पुलों पर रोका गया आवागमन,बीच रास्ते रोकी गई कई ट्रेन

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

वाराणसी में गंगा की उफनती लहरों ने मंगलवार की देर शाम अचानक एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया, जब चुनार और वाराणसी के बीच बांधे गए 50 पीपा गंगा की तेज धार में बहने लगे। पीपा के बहने की सूचना मिलते ही प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई और एहतियातन वाराणसी से लेकर चंदौली तक गंगा पर बने सभी पुलों पर यातायात तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया।

खबर मिलते ही मालवीय पुल, विश्वसुंदरी गंगा पुल और सामने घाट पुल जैसे अहम मार्गों को तत्काल बंद कर दिया गया। मालवीय पुल से गुजरने वाली ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर रोकने के आदेश जारी किए गए। रेलवे ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए नीलांचल एक्सप्रेस, हिमगिरि, बरौनी-गोंदिया, दुर्गियाना और गंगा-सतलज एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों को वाराणसी कैंट, शिवपुर और व्यासनगर स्टेशनों पर रोक दिया।

इस आपात स्थिति का सबसे बड़ा कारण यह था कि गंगा की तेज लहरों में बहता भारी-भरकम पीपा पुल के खंभों या घाटों की नावों-क्रूज़ से टकराकर कोई बड़ी दुर्घटना न घटा दे। इसे रोकने के लिए फौरन पूरे ट्रैफिक को स्थगित करना पड़ा। वाराणसी में गंगा के किनारे अर्धचंद्राकार हैं, जिससे टकराव की आशंका और बढ़ गई थी। हालांकि, सौभाग्यवश कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।करीब रात 10.30 बजे तक रेलवे के इंजीनियर, परिचालन और संरचना विभाग के अधिकारी मालवीय पुल पर पहुंचे और उसकी जांच की। जब यह पुष्टि हो गई कि पुल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, तब जाकर ट्रेनों की आवाजाही फिर से शुरू की गई। सड़क यातायात इससे पहले ही शुरू कर दिया गया था, क्योंकि पीपा मालवीय पुल पार करके चंदौली की ओर निकल चुके थे।इस घटनाक्रम के बाद प्रशासन ने तत्काल गाजीपुर, चंदौली और बलिया के जिलाधिकारियों को सतर्क कर दिया। चेतावनी दी गई कि बहते पीपों के कारण इन जिलों में गंगा के आसपास के पुलों और घाटों पर सतर्कता बढ़ाई जाए। चंदौली में भी हालात बिगड़ते नजर आए। यहां बलुआ और तिरगांवा पुलों पर आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया।

बलुआ थाना प्रभारी डॉ. आशीष मिश्रा ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनज़र पुल पर बैरिकेडिंग कर आवागमन रोका गया है। इससे चंदौली से वाराणसी और गाजीपुर की ओर आने-जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।इस पूरे घटनाक्रम के दौरान शहर में भ्रम और अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि अचानक सभी पुलों को क्यों बंद कर दिया गया। हालांकि कुछ समय बाद प्रशासन की ओर से सूचना मिलने पर स्थिति थोड़ी स्पष्ट हुई।