"नल है, जल नहीं" – तालदेवरी में जल जीवन मिशन की पोल खोलती हकीकत

राजपत्र में गूंजते आदर्श, जमीन पर सूखते नल

जांजगीर-चांपा, बम्हनीडीह
जहां एक ओर छत्तीसगढ़ शासन जल जीवन मिशन के अंतर्गत "हर घर जल योजना" को लेकर राजपत्र में दिशा-निर्देश जारी कर रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत तालदेवरी में यह योजना केवल कागज़ी पुलिंदा बनकर रह गई है।

बैठक में दिए गए आदर्श निर्देश, मगर तालदेवरी में हकीकत कुछ और

12 जून 2025 को जनपद पंचायत बम्हनीडीह के सभाकक्ष में आयोजित सचिवों की बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री प्रज्ञा यादव की अध्यक्षता में योजना के संचालन की विस्तृत जानकारी दी गई। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि योजना पूरी होने के पश्चात उसका संचालन ग्राम पंचायत को सौंपा जाता है, जिसमें प्रत्येक घर से 60 रुपये मासिक जल प्रभार वसूलने की व्यवस्था की गई है।

यहां तक कि ग्राम बसंतपुर को एक सफल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया, जहां पंप ऑपरेटर नीलम पटेल सुबह-शाम पंप चला कर लोगों को पानी उपलब्ध करा रहे हैं और ग्रामीण जलकर भी जमा कर रहे हैं।

तालदेवरी: सपना दिखा, हकीकत भूला

लेकिन जब हम नजर दौड़ाते हैं तालदेवरी ग्राम पंचायत की ओर, तो इस योजना की असफलता की तस्वीर सामने आती है। यहां पानी की टंकी बनाई गई, गांव में पाइपलाइन बिछाई गई, लेकिन आज दिन तक किसी भी घर में नल से एक बूंद पानी नहीं टपका

नल लगे हुए हैं, पाइप नीचे गड़े हैं, पर पानी का कोई स्रोत नहीं जोड़ा गया, न बोरवेल चालू है, न ट्रीटमेंट प्लांट कार्यरत है, न कोई पंप ऑपरेटर नियुक्त।

गर्मी में विकराल होती पेयजल समस्या

गर्मी के मौसम में यह समस्या गंभीर संकट का रूप ले लेती है। महिलाएं और बच्चे कई किलोमीटर दूर से सिर पर घड़ा लेकर पानी ढोने को मजबूर हैं। निजी बोरवेल और कुओं पर लाइनें लगी रहती हैं। कई बार तो झगड़े की नौबत तक आ जाती है।

क्यों असफल हुआ तालदेवरी का जल जीवन मिशन?

  • योजना का क्रियान्वयन आधी अधूरी तैयारी के साथ किया गया

  • पानी की टंकी बनी लेकिन इनलेट-सोर्स (बोरवेल) नहीं जोड़ा गया

  • ठेकेदार कार्य पूर्ण कर चला गया, लेकिन टेस्टिंग व ट्रायल नहीं हुआ

  • संचालन-रजिस्टर, जल परीक्षण, ग्रामीण सहभागिता जैसी चीज़ें केवल कागजों में सीमित

  • पंचायत को हस्तांतरण की कोई लिखित प्रक्रिया नहीं हुई

जनता का सवाल: क्या केवल 'मॉडल ग्राम' दिखाना ही लक्ष्य है?

ग्रामवासियों का सवाल वाजिब है ? जब राजपत्र में सब कुछ इतना व्यवस्थित और योजनाबद्ध बताया जा रहा है, तो तालदेवरी जैसे गांवों में यह योजना क्यों दम तोड़ रही है? क्या सरकार सिर्फ कुछ चुने हुए गांवों को "मॉडल" बनाकर पूरी योजना की सफलता का दावा करना चाहती है?

जरूरत है ईमानदार समीक्षा और जवाबदेही की

तालदेवरी की स्थिति जल जीवन मिशन की उन खामियों को उजागर करती है जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यदि योजना का लाभ अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंचा, तो सरकारी बैठकों, जल प्रभार की बातों और मॉडल प्रजेंटेशन का कोई औचित्य नहीं रह जाता।

राज्य शासन को चाहिए कि तालदेवरी जैसे गांवों में योजना के निष्क्रिय होने की जांच कराए, जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों की जवाबदेही तय करे, और प्राथमिकता के आधार पर संचालन बहाल कर ग्रामीणों को उनका अधिकार "हर घर जल" ससम्मान उपलब्ध कराए।

📌 रिपोर्टर [समीर खूंटे, Citiupdate]
📍 तालदेवरी, विकासखंड बम्हनीडीह, जिला जांजगीर-चांपा (छत्तीसगढ़)