जिला काज़ी हज़रत अतीफ मियां साहब व पूर्व मंत्री आबिद रज़ा ने हज़रत शेख़ साहब के नाम से बनी लाइब्रेरी का उद्घाटन

जिला काज़ी हज़रत अतीफ मियां साहब व पूर्व मंत्री आबिद रज़ा ने हज़रत शेख़ साहब के नाम से बनी लाइब्रेरी का उद्घाटन।

पूर्व मंत्री आबिद रज़ा ने अपने कार्यकाल में लाइब्रेरी की थी शुरुआत।

बदायूं शहर के मोहल्ला सोथा में शहीदें ए बगदाद हज़रत शेख़ साहब के नाम से बनी लाइब्रेरी का उद्घाटन जिला काज़ी हज़रत अतीफ मियां साहब व पूर्व मंत्री आबिद रज़ा ने किया।

मोहल्ला सोथा भंडार कुआं पर लाइब्रेरी बनाने का काम पूर्व मंत्री आबिद रज़ा ने अपने विधायक के कार्यकाल में शुरू किया था। दिनांक 25/07/2015 को जिला काज़ी मरहूम हज़रत सालिम मियां साहब व आबिद रज़ा ने इस लाइब्रेरी की संग ए बुनियाद रखी थी। सन् 2017 में लगभग लाइब्रेरी बन चुकी थी लेकिन लाइब्रेरी की शुरुआत नहीं हो सकी।

मा0 फात्मा रज़ा के चेयरमैन बनने के बाद लाइब्रेरी का कार्य पुनः शुरू किया गया। दिनांक 07/07/2025 को लाइब्रेरी का काम पूरा होने के बाद शहर के संभ्रांत लोगों के बीच लाइब्रेरी का उद्घाटन किया गया।

उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला काज़ी हज़रत अतीफ मियां कादरी साहब व विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री आबिद रज़ा का फूलमालाएं डालकर स्वागत किया गया।

पूर्व मंत्री आबिद रज़ा ने हज़रत अतीफ मियां कादरी साहब का बुके देकर इस्तकबाल किया।

कार्यकम में मुख्य अतिथि के तौर पर हज़रत अतीफ मियां कादरी साहब ने अपने संबोधन में कहा कि इल्म इंसान की जिंदगी में बहुत अहम है। इल्म की वजह से इंसान अशरफल उल मखलूक है। इल्म ही इंसान और जानवर को अलग अलग करता है। इल्म इंसान को सलाहियत व दुनिया में अलग मर्तबा देता है तथा उन्होंने लाइब्रेरी बनाने के लिए पूर्व मंत्री आबिद रज़ा व चेयरमैन फात्मा रज़ा का शुक्रिया भी कहा।

विशिष्ट अतिथि के तौर पर पूर्व मंत्री आबिद रज़ा ने कहा शहीदें ए बगदाद हज़रत शेख़ साहब को किताबों से बहुत प्यार था। हम शेख़ साहब से बेहइंतहा मोहब्बत व इज़्ज़त करते थे इसीलिए हमने हज़रत शेख़ साहब के याद में लाइब्रेरी बनाई। जो बदायूं शहर के सभी मजहब के लोगों के शिक्षा के क्षेत्र में काम आएगी तथा पूर्व मंत्री आबिद रज़ा ने यह भी कहा लाइब्रेरी बनाना हमारा काम था लेकिन इस लाइब्रेरी की हिफाज़त करना शहर के बुद्धिजीवी व नौजवान लोगों का भी फ़र्ज़ है। इस लाइब्रेरी का शहरवासी status मेंटेन रखे।

लाइब्रेरी को मशहूर शायर दिलकश बदायूंनी साहब एवं कामयाब जकी साहब व अनवार नजर साहब ने अपनी व्यक्तिगत किताबें भेंट की।

इस मौके पर कारी अब्दुल रसूल साहब व सैय्यद फारूक पीर जी, सभासद नईम, सभासद अनवर खां, वाहिद अंसारी, अबरार, नवेद, मुशाहिद, भूरे पीर जी, अली अल्वी, अनवार नजर, अनवर आलम, जमील सिद्दीकी, खिज़र अहमद, एहसान रजा, दिलकश बदायूंनी, पूर्व सभासद रईस अहमद, आसिफ अंसारी, इबादुर रहमान, डॉ आसिफ समेत छोटू, बब्लू, फहीम, मोहम्मद मियां, फिरोज़ अंसारी, डॉ आशू, अनीस सिद्दीकी, पप्पन, समर, समेत सैकड़ों गड़मान्य लोग मौजूद रहे।

कार्यक्रम का संचालन सुहेल सिद्दीकी व फरहत अली ने किया।