तेज रफ्तार + नशा = मौत के मुहाने पर जिंदगी,फिर एक हादसा, फिर वही लापरवाही… कब सुधरेंगे हालात?

कोरबा, 06 जुलाई।

जिले में एक बार फिर नशे और लापरवाही ने मिलकर तीन जिंदगियों को अस्पताल पहुंचा दिया। दर्री थाना क्षेत्र में शनिवार को दोपहर करीब 3.30 बजे हसदेव बराज से सीएसईबी प्लांट की ओर जाने वाली सड़क पर एक भीषण सड़क हादसा हुआ। एक तेज रफ्तार बाइक, जिस पर तीन युवक सवार थे, सड़क किनारे बनी रेलिंग से टकरा गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तीनों युवक शराब के नशे में धुत थे और ट्रिपल सवारी कर रहे थे।

### हादसे का मंजर था दिल दहला देने वाला

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बाइक की रफ्तार इतनी तेज थी कि रेलिंग से टकराते ही तीनों युवक उछलकर सड़क पर गिर पड़े। सिर और शरीर में गंभीर चोटें आईं। कुछ क्षणों के लिए वहां सन्नाटा पसर गया। मौके पर मौजूद लोगों ने फौरन डायल 112 को सूचना दी।

### समय पर पहुंची 112, बच गई जान

112 वाहन में तैनात आरक्षक विजय बंजारे और चालक प्रकाश बिसेन तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्होंने बिना देरी किए तीनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। स्थानीय लोगों ने 112 की तत्परता और मानवता की सराहना करते हुए कहा कि यदि थोड़ी भी देर होती, तो जानें बचाना मुश्किल हो जाता।

### पुलिस कर रही जांच

दर्री पुलिस ने बताया कि घायलों की पहचान की जा रही है और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रारंभिक जांच में यह पुष्टि हुई है कि तीनों युवक शराब के नशे में थे। इसके अलावा, ट्रिपल सवारी और तेज रफ्तार जैसे कई गंभीर यातायात नियमों का उल्लंघन सामने आया है।

### पहले भी हो चुकी है ऐसी दर्दनाक घटना ? याद दिलाता है वीआईपी रोड हादसा

यह पहली बार नहीं है जब कोरबा में नशे ने निर्दोषों की जिंदगी को तबाह किया हो। कुछ दिन पहले वीआईपी रोड पर एक स्विफ्ट कार, जिसे शराब के नशे में एक व्यक्ति चला रहा था, ने सड़क किनारे चल रहे लोगों को रौंद दिया था।

उस हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जिनमें एक नन्हीं बच्ची भी घायल थी। वह कार इतनी तेज थी कि कई बाइकें हवा में उछल गई थीं और एक बच्ची दूर नाली में जा गिरी थी। उस हादसे के दृश्य आज भी लोगों की आंखों में ताज़ा हैं।

### नशे में वाहन चलाना = हत्या जैसा अपराध

भारत के नए आपराधिक कानूनों और मोटर व्हीकल अधिनियम के अंतर्गत शराब पीकर वाहन चलाना गंभीर अपराध है। यह न केवल चालक की जान को खतरे में डालता है, बल्कि राह चलते निर्दोष लोगों की भी जिंदगी छीन लेता है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, हर साल हजारों लोग शराब के नशे में वाहन चलाने से हुई दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं।

### कानून क्या कहता है?

BNS धारा 105 व 110 (जो पहले IPC व MV Act की जगह आई है) के अनुसार यदि कोई व्यक्ति शराब के नशे में गाड़ी चलाते हुए किसी को घायल करता है या जान लेता है, तो यह गैर-जमानती अपराध माना जाता है।

इसके लिए सजा, जुर्माना और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है।

### ज़रूरत है समाजिक जागरूकता की

ऐसे हादसों से यह स्पष्ट है कि केवल कानून बना देना पर्याप्त नहीं है, समाज को भी अपने स्तर पर सजग और जिम्मेदार बनना होगा।

परिजनों को चाहिए कि वे युवा बेटों को बाइक की चाबी थमाने से पहले उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति को जरूर परखें।

और सबसे जरूरी बात ? "शराब पीकर वाहन मत चलाएं" ये केवल एक नारा नहीं, बल्कि जिंदगी की गारंटी है।

### 112 की टीम बनी फ़रिश्ता

इस पूरे हादसे में सबसे सकारात्मक पहलू रही 112 की त्वरित सेवा। आरक्षक विजय बंजारे और चालक प्रकाश बिसेन की सक्रियता और संवेदनशीलता ने साबित किया कि जब सिस्टम जागरूक हो तो जिंदगी बच सकती है।

कोरबा शहर अब crossroads पर खड़ा है। एक तरफ विकास की सड़क है, दूसरी तरफ लापरवाही और नशे का अंधेरा।

फैसला हमें और आपको करना है ? क्या हम सड़कों को सुरक्षित बनाएंगे या फिर हादसों की गिनती बढ़ाते रहेंगे?

रिपोर्टसमीर खूंटे, CitiUpdate