हरदोई के बावन में शुरू हुई 10 दिवसीय ताजियेदारी, हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों को किया गया याद, आयोजक बोले- ज़ुल्म के आगे न झुकने की सीख देती है कर्बला की शहादत

हरदोई। जिले के बावन कस्बे में मोहर्रम के अवसर पर 10 दिवसीय पारंपरिक ताजियेदारी का आयोजन शुरू हो गया है। यह आयोजन लगभग 300 वर्षों से लगातार होता आ रहा है और इसमें न सिर्फ मुस्लिम समुदाय बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं।

इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मोहर्रम शहादत और कुर्बानी का प्रतीक माना जाता है। इतिहास के अनुसार 10वीं मोहर्रम को कर्बला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन ने हक़ और इंसाफ़ के लिए यजीदी फौज से लड़ते हुए अपने 72 साथियों के साथ शहादत दी थी। तभी से उनकी कुर्बानी को पूरी दुनिया में याद किया जाता है।

बावन के निवासी इशहाक खान और असपाक खान के अनुसार, यहां की खास बात यह है कि सुन्नी समुदाय द्वारा ताजियेदारी व जुलूस निकाले जाते हैं, जिसमें सभी धर्मों के लोग सामाजिक सौहार्द और एकता का संदेश देते हुए हिस्सा लेते हैं।

सीओ हरपालपुर शिल्पा कुमारी ने बताया कि मोहर्रम के जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हों, इसके लिए कई थानों लोनार, सवायजपुर, हरपालपुर और अरवल की पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है।

लोनार थानाध्यक्ष विवेक वर्मा ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था के तहत लगातार निगरानी की जा रही है और वह स्वयं सुरक्षा प्रबंधों की निगरानी कर रहे हैं ताकि आयोजन शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।