* योग तन ही नहीं आत्म को भी कर देता है, तृप्ति , *

जापान टोक्यो 21जून:~योग शरीर को हष्ट पुष्ट करने के साथ आत्मा को भी तृप्ति प्रदान करता हैं यह संदेश दिया गया श्री राजमाता झंडेवाला मंदिर समूह के परमाध्यक्ष स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज द्वारा टोक्यो जापान सत्संग यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर यात्रा के प्रथम दिन टोक्यो में योग क्रिया के दौरान भक्तों को।

स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज एवं गुरुमां पूजा जी एयर इंडिया के विमान से प्रातः टोक्यो के हेनेडा एयरपोर्ट पर भारतीय मूल के पांशुल शर्मा,मीनाक्षी जी,नेपाल मूल के कपिल थापा,जापानी शिष्या रिनो द्वारा अंगवस्त्र,पुष्पगुच्छ देकर भव्य स्वागत किया गया।

टोक्यो हेनेडा एयरपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मूल रूप से सनातनी संस्कृति का विश्व को उपहार योग का संदेश करो योग और रहो निरोग का संदेश देते हुए योग क्रियाएं कराई गई।जिसमें राजस्थान जोधपुर से आकाश गोयल,उड़ीसा से कालीपद त्रिपाठी,नेपाल से कपिल थापा,दिल्ली से पांशुल शर्मा,जापान की रिको ने मुख्य रूप से योग क्रियाओं ने भाग लिया।हरी ॐ का उच्चारण करते हुए चंद मिनट का ध्यान के बाद भारतीय राष्ट्रीय गान गाकर कार्यक्रम संपन्न किया गया।

इस अवसर पर टोक्यो योग शिविर में भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि *"योग का अर्थ होता हैं जोड़ना।शारीरिक रूप से यौगिक क्रियाएं करने से शरीर स्वस्थ्य रहता हैं तो इसके साथ योग यानि आत्मा से जुड़ने से आनंद का मार्ग प्रशस्त होता है। स्वामी जी ने कहा कि शरीर को रुकने मत दो और मन को दौड़ने मत दो यह आनंद का उत्तम उपाय है।पाश्चात्य संस्कृति ने भारत को भोग दिया जोकि दुख का कारण है लेकिन भारत ने दुनिया भर को योग दिया जोकि जीते जी भक्ति शांति और मुक्ति का मार्ग प्रदान करता है।कल यानी रविवार 22जून को सुबह 11 से 1बजे तक टोक्यो के राम मंदिर में सत्संग का आयोजन किया गया है तो शाम को टोक्यो के उपनगर में सत्संग का दूसरा सत्र रखा गया है।स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज द्वारा सेवा सुमिरन सत्संग का संदेश दिया जाएगा।