जोधपुर में आकार लेने लगा प्रदेश का पहला वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो

जोधपुर में आकार लेने लगा प्रदेश का पहला वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो

भगत की कोठी वाशिंग लाइन के पास 167 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा अत्याधुनिक डिपो

रेलवे का इस वर्ष के अंत तक निर्माण पूरा करने का है प्रयास

डिपो से जोधपुर को भारतीय रेलवे में मिलेगी नई व बड़ी पहचान

600 मीटर लंबे भू भाग में विकसित होगी तीन पिट लाइनें

जोधपुर देश में बिजली की रफ्तार से बेहतर कनेक्टिविटी दे रही सेमी हाईस्पीड वंदे भारत सुपरफास्ट ट्रेनों के रखरखाव के लिए प्रदेश का पहला वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के उपनगरीय भगत की कोठी रेलवे स्टेशन के पास अब आकार लेने लगा है।

रेलवे ने 167 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले अत्यंत महत्वाकांक्षी वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो का निर्माण इस वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है तथा इसके लिए भगत की कोठी रेलवे स्टेशन के दूसरे प्रवेश द्वार और वॉशिंग लाइन के बीच करीब 600 मीटर लंबे क्षेत्र में इसका निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर करवाया जा रहा है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने इस संबंध में बताया कि 167 करोड़ रुपए की लागत वाली यह महत्वपूर्ण परियोजना प्रदेश में अपने तरह की पहली सुविधा होगी और इससे जोधपुर को समूचे भारतीय रेलवे में वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में नई पहचान मिलेगी।

उन्होंने बताया कि देश में चार वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो बन रहे हैं जिसमें से एक जोधपुर में स्थापित किया जा रहा है जो ढांचागत दृष्टि से काफी आकार ले चुका है तथा इसमें 600 मीटर लंबी 3 पिट लाइनों का निर्माण कराया जा रहा है जिससे एक साथ तीन वंदे भारत ट्रेनों का मेंटेनेंस एक साथ किया जा सकेगा। इसके साथ ही 900 मीटर लंबी एक व्हील लैथ व ड्राप पिट लाइन का निर्माण भी प्रगति पर है।

उन्होंने बताया कि यात्री सुविधाओं में विस्तार और रेलवे के आधुनिकीकरण के उद्देश्य से जिस तरह से देश में वंदे भारत ट्रेनों का तेजी से संचालन प्रारंभ किया जा रहा है, उनके मेंटेनेंस संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए जोधपुर में बनने वाले इस वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो का निर्माण भी तेजी से पूरा करने के निर्देश मिले हैं तथा इस लिहाज से इसे इस वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

यह होगी खासियत

इस संबंध में वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता मेजर अमित स्वामी बताते हैं कि वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो एक ही समय में तीन वंदे भारत ट्रेनों का निरीक्षण करने में सक्षम होगा तथा इसमें संपूर्ण ट्रेन रैक को उठाने, ड्राप पिट टेबल का उपयोग कर बोगियों को स्थानांतरित करने और व्हील टर्निंग सिस्टम के लिए उन्नत व आधुनिक मशीनरी स्थापित होगी जो वंदे भारत ट्रेनों का निर्बाध रखरखाव और मेंटेनेंस सुनिश्चित करेगी।

इन आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा मेंटेनेंस डिपो

डिपो में उन्नत व्हील टर्निंग सिस्टम विकसित किया जाएगा।

ड्राप पिट टेबल के उपयोग से बोगियां स्थानांतरित होगी।

रखरखाव उपकरणों के लिए एक उन्नत परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने का प्रावधान शामिल है।

वंदे भारत ट्रेन के बाहरी हिस्सों की धुलाई के लिए अत्याधुनिक व स्वचालित वाशिंग प्लांट की स्थापना की जाएगी।

संपूर्ण वंदे भारत ट्रेन के ट्रैक के लिए सिंक्रोनाइज्ड लिफ्टिंग की व्यवस्था विकसित की जाएगी।

डिपो में वंदे भारत ट्रेन की बोगी व्हील और एयर ब्रेक सिस्टम का रखरखाव होगा।

इनका कहना है

167 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस वंदे भारत ट्रेन मेंटेनेंस डिपो से वंदे भारत बेड़े की ट्रेनों के मेंटेनेंस की बड़ी सुविधा मिलेगी तथा इससे भारतीय रेलवे में उत्तर पश्चिम रेलवे का महत्व और भी बढ़ेगा।