लेमरू समाधान शिविर में प्राप्त 3545 आवेदनों में से 3506 आवेदनों का हुआ निराकरण

CITIUPDATE NEWS(संतोष सारथी)कोरबा- छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत आज ग्राम पंचायत लेमरू में समाधान शिविर का आयोजन हुआ। यह शिविर शासन द्वारा निर्धारित तीन-चरण की प्रक्रिया के अंतिम चरण के रूप में संपन्न हुआ, जिसमें प्राप्त कुल 3545 आवेदनों में से 3506 का प्रभावी निराकरण किया गया।शिविर का शुभारंभ छत्तीसगढ़ महतारी एवं महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ राज्य गीत ?अरपा पैरी के धार? के गायन से हुआ। इस अवसर पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे. शिविर में जिला पंचायत सदस्य रेणुका राठिया, कमलेश अनंत, कौशिल्या देवी, जनपद सदस्य आनंद राम,सहित अन्य प्रतिनिधियों ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए शासन की योजनाओं की जानकारी दी तथा समस्याओं के त्वरित समाधान का आश्वासन दिया। जनपद पंचायत कोरबा की मुख्य कार्यपालन अधिकारी कौशाम्बी गबेल ने शिविर में अब तक के समस्त चरणों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा आवेदन निपटान की जानकारी दी। विभिन्न विभागों द्वारा अपनी-अपनी योजनाओं की जानकारी तथा ग्रामीणों को योजनाओं लाभान्वित किया गया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत नकिया को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। साथ ही शिविर के माध्यम से 03 वय वंदन कार्ड,14 मनरेगा कार्ड, 19 राशन कार्ड, 132 पेंशन स्वीकृति एवं 05 आवास स्वीकृतियाँ हितग्राहियों को प्रदान की गईं। शिविर में उपस्थित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने ग्रामीणों को बरसात में स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने एवं स्वास्थ्य केंद्र में उपचार कराने की अपील की। विद्युत विभाग द्वारा गढ़उपरोड़ा में नवीन सबस्टेशन खोले जाने की जानकारी दी गई, जिससे आसपास के ग्रामों को बेहतर विद्युत सुविधा उपलब्ध होगी। समापन अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी कौशाम्बी गबेल ने सभी जनप्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों एवं ग्रामीणजनों का आभार व्यक्त किया।लेमरू समाधान शिविर में 3545 में से 3506 आवेदनों का निराकरण सराहनीय रहा, लेकिन 39 आवेदनों का लंबित रहना व्यवस्था की पूर्णता पर सवाल उठाता है। बरसात से पहले स्वास्थ्य जागरूकता की अपील की गई, पर ग्रामीण अंचलों में प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता का ज़िक्र नहीं हुआ। विद्युत उपकेंद्र की घोषणा हुई, पर क्रियान्वयन की स्पष्ट समय-सीमा नहीं बताई गई। योजनाओं की जानकारी दी गई, पर योजना प्रभावशीलता और लाभार्थियों की संतुष्टि पर कोई फीडबैक नहीं लिया गया।