घबराहट से शक्ति तक: परीक्षा दुश्चिंता से बाहर निकलना विषेयक कार्यशाला आयोजित

दिनांक 7 मई 2025 दिन बुधवार को वसंत महिला महाविद्यालय, राजघाट, वाराणसी के परामर्श एवं स्वस्ति बोध केंद्र द्वारा *चिंता व अवसाद जागरूकता सप्ताह* के अवसर पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसका विषय *घबराहट से शक्ति तक: परीक्षा दुश्चिंता से बाहर निकलना* जिसके मुख्य वक्ता काशी हिंदू विश्वविद्यालय, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, एस एस हॉस्पिटल, एआरटीसी के वरिष्ठ परामर्शदाता *डॉ मनोज कुमार तिवारी* ने कालेज की छात्राओं को पीपीटी के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि हमें परीक्षा से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि परीक्षा को एक अवसर के रूप में लेना चाहिए, यह हमारे शिक्षा व्यवस्था का एक भाग है। छात्रों को परीक्षा के पूर्व ही सारी तैयारी कर लेनी चाहिए। जिससे की परीक्षा के समय हमें किसी प्रकार का भय न हो। नियमित दिनचर्या, संतुलित आहार, गुणवत्तापूर्ण नींद, व्यायाम, रिलैक्सेशन एक्सरसाइज से परीक्षा दुश्चिंता से बाहर निकाला जा सकता है। डॉ तिवारी ने परीक्षा हाल में तनाव दूर करने के व्यवहारिक उपायों पर भी चर्चा किया। कार्यक्रम में छात्राओं ने प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत किया। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. सीमा श्रीवास्तव व सदस्या प्रो. रिचा सिंह के निर्देशन में संपन्न हुआ। संचालन मनोविज्ञान विभाग की डॉ आकांक्षी श्रीवास्तव तथा प्रतिभागियों व विशेषज्ञ का स्वागत महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. अलका सिंह ने किया। मुख्य वक्ता का संक्षिप्त परिचय डॉ वेद प्रकाश रावत ने दिया तथा कार्यक्रम के बारे में जागरूक करने का कार्य डॉ आकांक्षा चौरसिया ने किया। इस कार्यक्रम में बडी संख्या में छात्राओं ने अपनी प्रतिभागिता किया। इस अवसर डॉ मनोज ने स्वलिखित पुस्तक *मनोविज्ञान एवं शिक्षण* कॉलेज के पुस्तकालय हेतु दान किया।