जिले में बगैर नर्सिंग होम एक्ट का पालन किए हर थोड़ी दूरी पर एक निजी अस्पताल खुलते चले जा रहे हैं

मुंगेली-जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों की उदासीनता और कड़ी कार्यवाही न होने की वजह से बगैर लाइसेंस प्राप्त निजी अस्पतालों का संचालन बेधड़क बेखौफ किया जा रहा है हर जिला मुख्यालय के चारों दिशाओं में बगैर नर्सिंग होम एक्ट का पालन किए हर थोड़ी दूरी पर एक निजी अस्पताल खुलते चले जा रहे हैं जहां नियम, कायदा ,कानून कुछ मायने नहीं रखता नर्सिंग होम एक्ट की खुले आम बेखौफ धज्जियां उड़ाते अनट्रेंड कर्मचारियों के साथ निजी अस्पतालों का संचालन सिंडिकेट बना कर किया जा रहा है,,सूत्र और पड़ताल बता रहे हैं कि मरीजों का शोषण हो रहा है इलाज के नाम पर अनाप शनाप बिल थमाया जा रहा,, जिला अस्पताल पहुंचे मरीजों को निजी अस्पताल माफिया के कमीशन एजेंट बगैर परमिट वाले एम्बुलेंस सिंडीकेट बेहतर इलाज व आयुष्मान कार्ड से फ्री इलाज का झांसा दे निजी अस्पतालो तक पहुंचा मोटा कमिशन प्राप्त कर रहे तो वहीं मरीज इलाज के नाम पर लूटे जा रहे और इलाज भी बेहतर नहीं जिस पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों का कोई कार्यवाही या हस्तक्षेप न करना बड़े सवाल खड़ा कर रहा है,,,बता दे कि अब तक जिन निजी अस्पतालों की मनमानी की शिकायत जिले में जहां कहीं भी हुई वहां कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही हुई है सील किए अस्पताल भी कुछ एक महीने में फिर से खुल गए हैं कमीशन एजेंट व निजी एम्बुलेंस सिंडीकेट कमीशन एजेंट खुले आम जिला अस्पताल परिसर में मरीजों को बरगलाते भरमाते कभी कभी तो जबरन निजी अस्पताल पहुंचा रहे,,,,वही स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपनी रूटीन ड्यूटी में शिकायत कार्यवाही सिर्फ कागजों में ही कर रहे,,, बता दे कई एक ऐसे अस्पताल है जिसमें न तो डॉक्टर है ना ही ट्रेंड नर्स और न ही स्किल्ड वर्कर प्रमुख बात अब तो निजी अस्पतालों के साथ जिले में कई एक जगह बगैर पैथोलॉजी एमडी के लैब भी संचालित हो रही हैं ,,,मरीजो के परिजनों से मोटी रकम के साथ मरीजों के जान से भी खिलवाड़ किया जा रहा है ,,, खबर प्रकाशन के बाद अब देखना होगा कब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गहरी कुंभकर्णीय नींद से जागते हैं और इन अवैध रूप से संचालित निजी अस्पताल पर शिकंजा कसते है ।