स्योहारा में अवैध ई-रिक्शाओं पर बड़ी कार्रवाई, 27 वाहन जब्त—परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट

स्योहारा: उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार अवैध ई-रिक्शाओं के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत स्योहारा पुलिस ने मंगलवार को चेकिंग अभियान चलाकर बिना रजिस्ट्रेशन और नंबर प्लेट के चल रहे ई-रिक्शाओं पर कड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने 27 ई-रिक्शा जब्त किए, जिनके पास न तो रजिस्ट्रेशन था और न ही वैध दस्तावेज।

पुलिस के मुताबिक, जिन ई-रिक्शाओं का कोई भी वैध दस्तावेज नहीं है, उन्हें डिस्मेंटल (नष्ट) किया जाएगा, जबकि जिनका रजिस्ट्रेशन हो चुका है लेकिन नंबर प्लेट नहीं लगी, उनके मालिकों को फॉर्म भरवाकर नंबर प्लेट उपलब्ध करवाई जाएगी।

शासन के आदेश से सख्ती, लेकिन गरीबों की आजीविका पर संकट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 1 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक पूरे उत्तर प्रदेश में ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य अवैध और अनधिकृत वाहनों को हटाकर यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाना और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

लेकिन इस कार्रवाई से उन हजारों गरीब परिवारों पर संकट मंडराने लगा है, जो अपनी आजीविका के लिए इन ई-रिक्शाओं पर निर्भर थे। स्योहारा में जिन रिक्शाओं को जब्त किया गया है, उनमें से अधिकांश गरीब श्रमिकों की हैं, जिनके पास कोई दूसरा रोजगार नहीं है।

रिक्शा चालकों की परेशानी: अब कहां जाएं?

रिक्शा चालकों का कहना है कि उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वे तुरंत रजिस्ट्रेशन और नंबर प्लेट की औपचारिकताएं पूरी कर सकें। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि या तो उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए कुछ राहत दी जाए या फिर कोई वैकल्पिक रोजगार मुहैया कराया जाए।

सलीम, जो पिछले कई साल से ई-रिक्शा चला रहे हैं, बताते हैं?
"मेरे पास कोई दूसरा काम नहीं है। ई-रिक्शा ही मेरा और मेरे परिवार का सहारा है। अगर सरकार हमें रजिस्ट्रेशन के लिए कुछ समय देती या आसान किस्तों में कागजात बनवाने की सुविधा देती, तो हमारी रोजी-रोटी नहीं छिनती।"

सरकार को तलाशना होगा बीच का रास्ता

विशेषज्ञों का मानना है कि अवैध वाहनों पर कार्रवाई करना जरूरी है, लेकिन सरकार को उन गरीब चालकों के बारे में भी सोचना होगा, जिनका जीवनयापन पूरी तरह ई-रिक्शा पर निर्भर है। यदि शासन इन चालकों के लिए कोई वित्तीय सहायता योजना लाता है या रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाता है, तो इससे समस्या का संतुलित समाधान हो सकता है।

इस घटनाक्रम के बाद प्रशासन की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि गरीब ई-रिक्शा चालकों के लिए कोई राहत योजना तैयार की जाएगी। जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी का संकट बना रहेगा।<!--/data/user/0/com.samsung.android.app.notes/files/clipdata/clipdata_bodytext_250401_200554_142.sdocx-->