बोल कड़ाकड़ सीताराम करता हरैया पहुंचा रामादल

84 कोसी परिक्रमा रामादल आज हरदोई जिले में प्रवेश कर हरैया पड़ाव पहुंचा।

आस्था, धर्म और अध्यात्म का एक अनूठा संगम आज 88 हजार ऋषियों की पावन तपोभूमि नैमिषारण्य में देखने को मिला जब राम नाम की इस अद्भुत अनूठी यात्रा ने इस वर्ष की 84 कोसी धर्मयात्रा का पावन क्रम प्रारम्भ किया। शनिवार सुबह पहला आश्रम महंत नन्हकू दास द्वारा परम्परागत रूप से डंका बजाने के साथ ही आध्यात्म और आस्था के अनूठे संगम का शानदार आगाज हो गया। प्रशासन द्वारा परिक्रमार्थियों पर फूलों की वर्षा की गई जिनके स्वागत के लिए जिला प्रशासन द्वारा भव्य द्वार बनाया गया था।

भक्ति और मोक्ष की कामना से इस परिक्रमा में भाग ले रहे लाखों श्रद्धालुओं का इस परिक्रमा के प्रति उत्साह देखते ही बन रहा था। सर्वप्रथम महंत नन्हकू दास, महंत संतोष दास, व्यास पीठाधीश्वर अनिल शास्त्री, रंजीत शास्त्री, विमल बजरंगी सहित तमाम संत महात्मा बैंड बाजे के साथ चक्रतीर्थ पहुंचे जहां प्रधान पुजारी द्वारा पूजन कराया गया। वहीं नारियल फोड़कर परिक्रमा का प्रारम्भ किया गया।
परिक्रमा मार्ग पर बने स्वागत द्वार पर एसडीएम मिश्रिख, सीओ मिश्रिख, तहसीलदार, चेयरमैन, थाना प्रभारी, ग्राम प्रधान द्वारा संत महात्माओं का माल्यार्पण और अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया गया और उन पर फूलों की वर्षा की गई। इस अनोखे धर्मपथ पर देश विदेश के लाखों श्रद्धालुगण धर्म की मस्त फुहारों में भीगते नजर आ रहे थे जिसमे कोई सन्त जहां फक्कड़ भाव से चिमटा बजाते हुए अपनी ही धुन में गुनगुनाता जा रहा था तो कोई सन्त पालकी में बैठ कर परम्परा का निर्वहन करते दिख रहा था।
वहीं कोई सन्त डमरू की धुन पर सबको मंत्रमुग्ध कर रहा था। यहां का आलम कुछ ऐसा था कि एक तरफ जहां कोई श्रद्धालु परिक्रमा पथ पर ही दण्डवत प्रणाम की मुद्रा में दिख रहा था तो कोई ग्रामीण श्रद्धालु अपने नन्हे मुन्हे बच्चों के साथ साइकिल पर ही परिक्रमा मार्ग पर बढ़ रहा था। इसी क्रम में नेपाल से आई कई महिला श्रद्धालु भगवान के भजनों में रमी परिक्रमा का आनन्द लेने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही थी तो कोई युवा सरपट दौड़कर परिक्रमा पथ पर बढ़ रहा था।

कोई बुजुर्ग डंडे के सहारे तो कोई दिव्यांग ट्राई साइकिल से ही परिक्रमा की राह पर बढ़ता जा रहा था जहां कई मुस्लिम संभ्रांतजनो द्वारा परिक्रमार्थियों और साधु-संतो को माला पहनाकर गंगा जमुनी तहजीब का सन्देश दिया गया।