सीएमएचओ और सिविल सर्जन की पहल पर खाली ब्लड बैंक को चिकित्सा स्टाफ ने चंद घंटों  किया 50 यूनिट रक्तदान।

राजगढ़-रक्त की कमी के चलते आए दिनोें प्रसूताओं, बच्चों व अन्य दुर्घटनाग्रस्त लोगों व उनके परिजनों को परेशानियोें का सामना करना पड़ता है। इसी के तहत बुधवार को जिला चिकित्सालय की ब्लड बैंक में अलग-अलग ब्लड ग्रुप का मात्र तीन यूनिट ही ब्लड बचा था। ऐसे में इमरजेंसी को ध्यान में रखते हुए जिला अस्पताल के स्टाफ ने आनन-फानन में मिनी कैंप लगाते हुए 50 यूनिट रक्तदान किया। उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में हर दिन प्रसूताएं, सहित दुर्घटनाग्रस्त लोग पहुंचते हैं। जिले के अलग-अलग अस्पतालों से भी रेफर केस जिला अस्पताल पहुंचते हैं। लेकिन यहां पर पिछले कुछ दिनों से रक्त का टोटा बना हुआ है। हालात यह है कि यहां जरूरत लायक भी एक भी यूनिट रक्त नहीं बचा। इसी के चलते गुरूवार को जिला अस्पताल के स्टाफ ने कैंप लगाते हुए रक्तदान किया। स्टाफ की मदद से यहां पर दोपहर तक की स्थिति में 50 यूनिट रक्त एकत्रित हो सका, ताकि इमरजेंसी के समय काम आ सके।

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हर ब्लड ग्रुप का पांच-पांच यूनिट ब्लड होना अनिवार्य

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जानकारी के मुताबिक नियमानुसार ब्लड बैंक में हर ब्लड ग्रुप का कम से कम पांच-पांच यूनिट ब्लड का होना अनिवार्य हैै। सभी ब्लड ग्रुप का कम से कम पांच-पांच यूनिट ब्लड इमरजेंसी को देखते हुए स्टाक में रखा जाता है, लेकिन राजगढ़ में हालात इस तरह से खराब हुए कि यहां पर सभी ग्रुपों को मिलाकर भी पांच यूनिट रक्त नहीं बचा था। सभी ग्रुपों का मिलाकर सिर्फ तीन यूनिट ही रक्त बचा हुआ था, जो कि वर्तमान हालामों को देखते हुए पर्याप्त नहीं था।