क्या यूपी के माफिया को दिखाने लगती है अपनी मौत? मुख्तार ने 9 दिन तो अतीक ने 18 दिन पहले जताया था मौत का अंदेशा

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात कार्डिएक अरेस्ट से मौत हो गई। मुख्तार बांदा जेल में बंद था, जहां उसकी तबीयत बिगड़ी तो मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। लेकिन इलाज के दौरान मौत हो गई। मुख्तार की मौत के बाद उसकी एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें उन्होंने अपनी मौत की आशंका जताई थी। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल समेत कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप हैं।

फिलहाल, उसके आरोपों में कितनी सच्चाई है, यह जांच का विषय है। लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि क्या माफिया, डॉन, गैंगस्टर्स को अपनी मौत का अंदेशा पहले से हो जाता है? उन्हें अपनी मौत पहले से दिखने लगती है? क्योंकि मुख्तार अंसारी की तरह प्रयागराज के माफिया अतीक अहमद ने भी अपनी मौत से पहले हत्या किए जाने का अंदेशा जताया था। मुख्तार अंसारी ने 9 दिन पहले तो अतीक अहमद 18 दिन पहले अपनी मौत की भविष्यवाणी कर दी थी।

*पहले जानिए मुख्तार अंसारी ने चिट्ठी में क्या-क्या लिखा?*
20 मार्च को माफिया मुख्तार अंसारी की बाराबंकी कोर्ट में पेशी थी। उस वक्त मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया। जिसमें उसने बताया था कि 19 मार्च की रात जेल प्रशासन ने उसे खाने में जहर देकर मारने की कोशिश की। इससे पहले भी दो बार जान से मारने का षडयंत्र रचा जा चुका है।

चिट्ठी में आगे लिखा कि उसे विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि हत्या का षडयंत्र जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा, एमएलसी बृजेश सिंह, भाजपा विधायक सुशील सिंह, पूर्व आईजी एसटीएफ अमिताभ यश द्वारा रचा जा रहा है। मुख्तार ने अपनी चिट्ठी में मुन्ना बजरंगी का भी नाम लिया। कहा कि उसकी जेल में गोली मारकर हत्या की गई थी।

आखिरकार 28 मार्च को मुख्तार अंसारी को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई। मुख्तार अंसारी के भाई और बेटे ने जहर दिए जाने की आशंका जताई है। 29 मार्च यानी आज मुख्तार फिर पेशी लगी थी, लेकिन उससे पहले ही उसने दुनिया को अलविदा कह दिया।

*अतीक अहमद की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने कर दी थी खारिज*
मुख्तार अंसारी की तरह बाहुबली सांसद और विधायक रहे माफिया अतीक अहमद ने भी कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। अतीक अहमद को पहले से ही अंदेशा था कि उसकी हत्या हो सकती है। इसलिए उसने 18 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में गुहार भी लगाई थी। 28 मार्च, 2023 को अतीक अहमद ने याचिका में कहा था कि मेरी जान को खतरा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये अर्जी खारिज कर दी थी और फिर 15 अप्रैल को उसका कत्ल कर दिया गया।