विकासखण्ड मिश्रित में बह रही है भ्रष्टाचार रूपी विकास की बयार, सचिवों के ग्राम पंचायत आवंटन में भी वर्ता गया भेदभाव कुछ अलग ही कर रहा है इशारा।

सीतापुर/ भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का दंभ भरने वाली सरकार के कार्यकाल में जनपद के विकास क्षेत्र मिश्रित में तैनात कर्मचारियों को वीडियो द्वारा आवंटित की गई ग्राम पंचायतें कुछ और ही कहानी कह रही हैं सूत्र यह बताते हैं कि इस ब्लॉक में जो जितना बड़ा कमाऊ पूत है उसे उतनी ही अधिक ग्राम पंचायत का आवंटन किया गया है फिसड्डियों को कम से काम में ही संतोष करना पड़ रहा है?। यहां पर ग्रामीण विकास का राग तो अधिक अलापा जा रहा है लेकिन मिश्रित ब्लॉक की ग्राम पंचायतों और उनके मजरे कुछ अलग ही कहानी कहकर अपनी ही दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं। नाली, सड़क, खड़ंजा, पेयजल, शौचालय, सोलर लाइट, सीसीटीवी कैमरे ,कूड़ादान, आवास सहित अन्य विकास योजनाएं भ्रष्टाचार की भेट चढ़कर पात्र लोगों तक समुचित रूप से नहीं पहुंच पा रही हैं ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों की देखरेख और योजनाओं के कुशल संचालन के लिए ग्राम पंचायत और ग्राम विकास अधिकारी तो पंचायत सचिव के रूप में कार्यरत हैं जिनको ग्राम पंचायत आवंटन में भी खंड विकास अधिकारी द्वारा दूषित नीतियों के चलते भेदभाव का शिकार बना दिया गया है बताते चलें ब्लॉक में तैनात ग्राम विकास अधिकारी संदीप कुमार व वीरेंद्र गुप्ता को चार-चार ग्राम पंचायतें वही प्रशांत , संजीव कुमार, रामलखन वर्मा, मयूरेश राय, को तीन-तीन ग्राम पंचायतें विनीत कुमार को नौ ग्राम पंचायतें धीरेंद्र कुमार को आठ ग्राम पंचायतें विशाल चंद्रा को सात ग्राम पंचायतें तथा हरीश कुमार और केशव कुमार राना को दस दस ग्राम पंचायतों की देखरेख का प्रभार खंड विकासधिकारी द्वारा सौंपा गया है ।यहां पर प्रश्न यह उठता है कि जब सभी ग्राम पंचायत सचिवों का कार्य एक ही है तो फिर ग्राम पंचायतें आवंटन में वर्ता गया भेदभाव कुछ अलग ही इशारा कर रहा है दूसरी तरफ ग्राम पंचायतों का विकास दैनीय दशा पर आंसू बहाने को मजबूर है। मजेदार बात तो यह है की हर घर जल योजना के तहत गांव और मजरों और पुरवों में संबंधित ठेकेदार द्वारा बिछाई गई पाइपलाइन पहले से दुरुस्त मार्गों को खोद कर डाली गई लेकिन खोदी गई इंटरलॉकिंग, आरसीसी, खड़ंजा पाइपलाइन बिछाने वाले जल जीवन मिशन योजना के ठेकेदार द्वारा पुनः पूर्व स्थिति में दुरुस्त नहीं कराया गया है सूत्र यह भी बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों द्वारा तहसील प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन और प्रदेश शासन तक को शिकायतें करके कार्यवाही किए जाने की गुहार लगाई गई लेकिन बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्र के खोदे गए मार्ग अधिकांश जगहों पर जस के तस पड़े हुए हैं जिससे लोगों का आवागमन बाधित हो रहा है और फेल हो रहा है सबका साथ सबका विकास का सपना। इस तरह मिश्रित विकास क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में बह रही है भ्रष्टाचार रूपी विकास की बयार। क्या जिला प्रशासन और प्रदेश शासन विभिन्न योजनाओं के तहत ग्रामीण विकास के लिए जिम्मेदारों द्वारा कागजों पर खर्च किए गए धन और उससे कराए गए विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कराकर धन हड़पो अभियान चलाने वाले दोषियों के विरुद्ध जांच कराकर कार्यवाही करने की पहल करेगा, या यूं ही सब कुछ चलता रहेगा राम भरोसे।