अवैध खनन कार्यकर्ताओं के द्वारा एनजीटी की गाइडलाइन के उल्लंघन का खेल खुलेआम खेल रहे है

सोनभद्र सोनांचल में अवैध बालू खनन एनजीटी की गाइडलाइन के उल्लंघन का खेल किस तरह खेला जा रहा यह खनन क्षेत्र में खुलेआम हो गया है ओबरा तहसील के अगोरी खास स्थित आराजी संख्या 624 ख क्षेत्रफल 16.194 है खण्ड1मे संचालित बालू पत्ते की आड़ में निर्धारित सीमा क्षेत्र से बाहर सोन नदी की जलधारा में बड़ी-बड़ी मशीनों से तथा नाव लगाकर पानी के नीचे से अवैध बालू खनन का जो खेल खेला जा रहा है उस पर पर किसी की भी नजर पड़ जा रही है तो वह हैरान हो जा रहा है और उसके अंदर से सवाल उठ रहा है कि खनन पट्टा बालू के लिए हुआ है या पानी खनन के लिए हुआ है बता दे की सोन नदी तल में जलीय जीव जंतुओं जिसमें कछुआ घड़ियाल आदि जीव जंतुओं का आश्रय स्थल होने से प्लॉट मशीनों से बालू खनन उनके जीवन पर खतरा बन रहा है इसके अलावा बड़ी-बड़ी मशीनों के शोर से उनके अस्तित्व पर संकट है यही नहीं बेलगाम खनन सोन नदी के वन क्षेत्र तक बढ़ते हुए अपने निरंतर की ओर है जबकि मिर्जापुर कैमूर जीव प्रभाग के गुरमा रेंज अंतर्गत आने वाली करगरा सोन नदी की आराजी संख्या 8 मी सुरक्षित वन क्षेत्र है बावजूद इसके खनन पट्टा की आड़ में खुलेआम बालू का अवैध खनन कार्य महीने से चल रहा है जिससे वन्य जीवों के स्वच्छंद विचरण भी प्रभावित होने से निश्चित रूप से इसका असर उनके जीवन पर पढ़ रहा है और वन विभाग के रेंज अधिकारी से लेकर वन्य जीव प्रतिपालक एवं कर्मचारियों की टीम कुंभ करनी नींद में सोई है