घर में अकेली वृद्धा की मौत तीन दिन बाद पता चल सका

बरेली प्रेमनगर थाना क्षेत्र की नेहरू पार्क कॉलोनी के बंद घर में वृद्धा पूर्णिमा जायसवाल का शव पड़ा मिला करीब तीन दिन पहले उनकी मौत हो चुकी थी, पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव निकाला जमीन पर खून और शरीर पर कपड़े कम देखकर चर्चाएं चलीं। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में लगी चोट से मौत की पुष्टि हुई है। कानूनगोयान चौकी के प्रभारी राहुल शर्मा ने बताया कि 72 वर्षीय पूर्णिमा जायसवाल का घर तीन दिन से बंद देखकर पड़ोसियों को संदेह हुआ। लोगों को घर से दुर्गंध भी आ रही थी। उन्होंने पूर्णिमा के भतीजे उत्तराखंड के काठगोदाम पूर्णिमा जायसवाल के मूल निवासी नव्य जायसवाल को सूचना दी। नव्य ने दरवाजा बंद देखकर प्रेमनगर थाना प्रभारी आशुतोष रघुवंशी को जानकारी दी। पुलिस ने किसी तरह घर में घुसकर उनके कमरे का दरवाजा तोड़ा तो देखा कि वृद्धा का शव बेड के नीचे पड़ा था। जमीन पर खून बह रहा था। वृद्धा के माथे व सिर पर चोट लगी हुई थी। शव करीब तीन से चार दिन पुराना लग रहा था। शव अर्धनग्न हालत में था।लोगों ने आशंका जताई कि बीमारी या फिर अकेले में लापरवाही से ठंड लगने की वजह से उनकी मौत हुई होगी। शाम को पोस्टमॉर्टम से पता लगा कि सिर में चोट की वजह से निकले खून से उनकी मौत हुई। जिस तरह कमरा अंदर से बंद था तो लग रहा है कि ठंड में फर्श पर गिरने से सिर में चोट के बाद खून निकला होगा। अकेली वृद्धा चीखी भी होंगी या मदद मांगी होगी तो किसी ने सुना नहीं होगा। इसी दौरान उनकी मौत हो गई होगी।अकेले रहना चाहती थीं पूर्णिमा भतीजे ने बताया कि बुआ पूर्णिमा ने शादी नहीं की थी। वह प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका थी। शुरू से ही वह अकेला रहना पसंद करती थीं। किसी तरह का कोई संपत्ति विवाद नहीं था। कुछ दिन पहले ही बुआ उनके घर से लौटी थीं। आसपास के लोगों ने बताया कि पूर्णिमा आंटी से उन लोगों का अच्छा संवाद था। आसपास के लोग जरूरत पर उनकी मदद करते थे, वह भी लोगों के सुखदुख में शामिल होती थीं। तीन दिन से उनका घर बंद देखा तो उन्हें आशंका हुई। प्रेमनगर थाना क्षेत्र में घर में अकेली रहने वाली वृद्धा की मौत हो गई थी।शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया गया। किसी तरह का कोई आरोप नहीं है। संदीप सिंह, सीओ प्रथम