मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद भी नहीं लग रही प्राइवेट पार्किंगों पर लगाम

पुलिस के सिपाही पार्किंग को भरवाने के लिए कर रहे ड्यूटी

जिम्मेदार अधिकारियों की सह पर चल रहा अवैध पार्किंग का खेल

वृंदावन । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साफ आदेश के बावजूद भी प्राइवेट पार्किंग पर लगाम नहीं लग पा रही है। वृंदावन में एंट्री पॉइंट पर मनमानी ढंग से पार्किंग धड़ल्ले से चल रही है। सबसे खास बात इन पार्किंग को भरवाने में ट्रैफिक पुलिस के सिपाही एवं होमगार्ड पूरा सहयोग कर रहे हैं। निश्चित रूप से बिना किसी लालच के वे ऐसा काम नहीं करेंगे। पार्किंग संचालकों के द्वारा इन पुलिस वालों को प्रतिदिन के हिसाब से अच्छी धनराशि दी जाती है जिसके कारण वह ट्रैफिक व्यवस्था को छोड़कर इन पार्किंग को भरवाने का काम करते हैं।

किसी भी पार्किंग पर रेट लिस्ट आपको देखने के लिए नहीं मिलेगी चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट पार्किंग। निश्चित रूप से प्रशासन की नाक के नीचे ऐसी पार्किंग संदेह उत्पन्न करती हैं। जब हमारे संवाददाता द्वारा इन पार्किंग का जायजा लिया गया तो सभी के अपने-अपने रेट देखने को मिले। 4 घंटे के ₹100 के हिसाब से कार मालिकों से पैसा वसूला जा रहा है। पार्किंग में ना तो शौचालय है ना ही पानी पीने की व्यवस्था। केवल किराए के गुंडे बीच सड़क पर बैरियर लगाकर जबरदस्ती पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने का दबाव बनाते हैं।
वृंदावन छटीकरा रोड पर बनी सरकारी पार्किंग जो की मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण द्वारा संचालित की जा रही है उस पर भी किसी प्रकार की रेट लिस्ट देखने को नहीं मिली। यहाँ कार वालों के लिए ₹60 प्रति 4 घंटे के हिसाब से शुल्क लिया जा रहा है।

इसी पार्किंग के ठीक सामने एक प्राइवेट पार्किंग चल रही है। जिसे ट्रैफिक पुलिस वाले पूरी शिद्दत के साथ भरवाने में लगे हुए थे। जब पर्ची काट रहे युवकों से पूछा गया तो वह इसे नगर निगम की पार्किंग बताने लगे। लेकिन जब इससे संबंधित कागज मांगे गए तो इधर-उधर देखते नजर आए। पार्किंग पर मौजूद धर्मवीर सिंह द्वारा बताया गया यह पार्किंग वे चला रहे हैं और कुछ समय पहले एसपी ट्रैफिक के द्वारा उन्हें यह पार्किंग चलाने के लिए कहा गया था लेकिन इसका कोई भी लिखित आदेश उनके पास नहीं है। निश्चित रूप से इस व्यक्ति द्वारा खुलेआम एसपी ट्रैफिक का नाम लिया जा रहा है जिससे मामला गंभीर प्रतीत होता है कि पार्किंग संचालन में एसपी ट्रैफिक भी शामिल है। इस पार्किंग पर कार का पार्किंग शुल्क ₹100 प्रति 4 घंटे के हिसाब से वसूला जा रहा है।
प्रेम मंदिर के पीछे सुनरख तिराहे पर एक प्राइवेट पार्किंग संचालित की जा रही है। जिसमें प्रांशु जादौन के नाम से यह पार्किंग संचालित की जा रही है। जिसमें 4 घंटे के ₹100 कार पार्किंग शुल्क के नाम पर वसूले जा रहे हैं। पार्किंग संचालकों के पास प्रशासन से किसी प्रकार की अनुमति नहीं है। उसके बावजूद भी प्रशासन की नाक के नीचे यह पार्किंग संचालित की जा रही है।

सौ सैया अस्पताल के समीप बनी दारूक पार्किंग पर पूरी सड़क पर बैरियर लगाकर प्रत्येक गाड़ी को रोका जा रहा था एवं ट्रैफिक सिपाही द्वारा पार्किंग की ओर इशारा करके अंदर भेजा जा रहा था। जबकि लूटेरिया हनुमान मंदिर पर पहले से ही बैरियर लगा हुआ है, ताकि जो गाड़ी मथुरा जाना चाहे वह सीधे निकल सके। इसके बावजूद ट्रैफिक सिपाही एवं होमगार्ड के द्वारा एक-एक गाड़ी को रोक कर पार्किंग की ओर भेजना कौन सी ड्यूटी में आता है। जबकि पार्किंग कर्मचारी केवल पर्ची बनाने में व्यस्त दिखे। निश्चित रूप से ट्रैफिक विभाग द्वारा की जा रही सेवा बहुत कुछ कहती है।