सारी नियमावली दरकिनार कर जिले में एक ही पद पर कई वर्षों से जमा है मलेरिया इंस्पेक्टर

प्रमोद गुप्ता (9005392789)

कोई भी सीएमओ आए नचाता है कोई और

सोनभद्र -उत्तर प्रदेश सरकार जहाँ कर्मचारियों के लिए के लिए नियमावली बना रखी है वही सोनभद्र में नियमावली दरकिनार करके जिसकी लाठी उसकी भैंस के तर्ज पर काम किया जा रहा है,
जनपद में स्वास्थ्य विभाग एक कृष्ण कन्हैया के इशारे पर नाच रहा है चाहे सीएमओ हो या चपरासी, कोई उसकी मर्जी के बगैर काम नहीं कर रहा है 2 वर्ष पूर्व प्रशासनिक अम्ले के अलावा तमाम नेता भी अपना पैर जो अंगद की तरहअडिक है कहते थे उन्हें भी उखाड़ कर वह कर्मचारी फेक चुका है, और आज भी अपने मन माफिक कार्य कर रहा है!

विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि जनपद में एक मलेरिया इंस्पेक्टर जिसकी तैनाती जनपद के मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर सुदूर क्षेत्रों में जहां मलेरिया का प्रकोप ज्यादा है, आज भी वही इंस्पेक्टर लगभग 20 वर्षों से अपनी उंगली पर विभाग को नचा रहा है, दो वर्ष पूर्व जब गोविंद बल्लभ पंत सागर किनारे के गांव मकरा में मलेरिया से कई लोगों की मौत हुई तो सोनभद्र से लेकर लखनऊ तक हंगामा मचा!

जनपद के तमाम सामाजिक कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि व अन्य, स्वास्थ्य विभाग पर अपनी भड़ास निकाल रहे थे, लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो लोग आवाक रह गए बताया गया कि वह क्षेत्र जीस मलेरिया विभाग के कर्मचारी के अधीन था वह पिछले कई वर्षों से जिला मुख्यालय पर रहकर अपने हिसाब से विभाग को नचा रहा था!

तमाम लोगों की सारी कवायदे व मेहनत फीकी पड़ गई लेकिन उक्त मलेरिया इंस्पेक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, उक्त मलेरिया इंस्पेक्टर में ऐसी कौन सी खूबी है की विभाग ही नहीं यहां तक कि कतिपय चौथे स्तंभ के लोग भी उसे बचाने में लग गए आज भी स्थिति यह है कि वह जो चाहता है वहीं विभाग में होता है, आखिर पिछले लगभग 20 वर्षों से एक ही स्थान पर उक्त इंस्पेक्टर कैसे तैनात है क्या यह पूर्व के सीएमओ या वर्तमान के सीएमओ को दृष्टिगोचर नहीं हो पा रहा?

या जानबूझकर यह लोग समझ नहीं पा रहे!सूत्रों के हिसाब से जिस तरह की सूचना मिल रही है उस सूचना के आधार पर मैं दावे के साथ कह रहा हूं यदि इस मलेरिया इंस्पेक्टर की मोबाइल की सीडीआर निकल जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी तुरंत हो जाएगा कि अगले के ऊपर लगाए गए आरोप कितने सही हैं और कितने गलत, एक कहावत है समरथ के नहीं दोस गोसाई ठीक ऐसा ही मुहावरा चरितार्थ हो रहा है, सोने का विषय यह है कि क्या यह इतना समर्थन है की कोई भी सीएमओ आए या जाए यह किसके प्रभाव से जिला मुख्यालय पर रहकर अपने तैनाती क्षेत्र की बागडोर संभालता है, चौकिये मत यह वही स्पेक्टर है जिसके तैनाती म्ययोरपुर बभनी में हुई है जिसको पीके सिंह के नाम से जाना जाता है आज लगभग 20 वर्षों से कैसे वह मुख्यालय पर रहकर अपने केंद्र का संचालन कर रहा है, इसके इस अनैतिक कार्य में किसकी सहभागिता हो सकती है सीएमओ

जिलाधिकारी की और स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों की? यह एक बहुत ही गंभीर और जटिल प्रश्न है इसका उत्तर जनपद के किसी आलाधिकारी के पास नहीं है

यदि है तो जनता जनार्दन को जवाब दें, चाहे वह जनपद के जिला अधिकारी हो या सीएमओ हो या और उच्च अधिकारी हो जनता जनार्दन जवाब चाहती है जिले के निष्पक्ष कार्यवाही करने वाले जिलाधिकारी से!