बांसखेड़ा में बाघ दोबारा दे गया गच्चा, हाथ मलता रह गया वन विभाग।

कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांव बांसखेड़ा में मंदिर के पास रविवार से एक बाघ एक आम के बाग में डेरा जमाए बैठा है। जिसको लेकर ग्रामीणों में दहशत है। बाघ को ट्रैंक्यूलाइज करने के लिए रविवार को टाइगर रिजर्व के नेतृत्व में रेसक्यू ऑपरेशन चलाया गया था, लेकिन डॉट लगने के बाद भी बाघ पूरी तरह बेहोश नहीं हो सका। सोमवार को दोबारा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं हुआ, टीम सिर्फ निगरानी तक ही समिति रही।

मंगलवार को ग्रामीणों के माधौटांडा पीलीभीत मार्ग पर जाम लगाने के बाद करीब तीन बजे रेसक्यू ऑपरेशन चालू हो सका। डीएफओ संजीव कुमार, एसडीओ अंजनी कुमार, ओमप्रकाश और रेंजर पीयूष मोहन श्रीवास्तव टीम के साथ मौके पर पहुंचे।

जेसीबी मशीनों द्वारा बाग की सफाई करने के बाद शाम 5 बजे डॉट बाघ पर चलाई गई। लेकिन वह पूरी तरह से बेहोश नहीं हुआ। इसके बाद टीम बाघ के बेहोश होने का इंतजार करती रही। कुछ देर के बाद टीम जब अंदर गई तो बाघ आधी बेहोशी की हालत में अपना स्थान बदलता रहा। वन विभाग की टीम डर के चलते बाघ पर खाबड़ नहीं डाल सकी। एक घंटे के बाद पूरी तरह से होश में आ गया। वन विभाग द्वारा दूसरी बार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के बाद भी बाघ के न पकड़े जाने पर मौके पर मौजूद लोगों में आक्रोश भर गया और उन्होंने वन विभाग की टीम को घेर कर हंगामा करना शुरु कर दिया। पुलिस द्वारा ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया जा रहा था।