IRCTC एजेंट ओर यात्री न हो शिकार , IRCTC करे नियम में बदलाव

वर्तमान में किसी भी IRCTC एजेंट से टिकट बनवाते समय उसका रिफंड का पैसा सम्बन्धित रेलवे द्वारा अधिकृत प्रिंसिपल कम्पनी (PSP)के मार्फ़त एजेंट के वॉलेट में आता है अगर इस दौरान प्रिंसिपल कम्पनी फ़्रॉड करके कम्पनी बन्द कर देती है तो उसका रिफंड एजेंट के पास नही आता जिसके चलते वो रुपया अपने कस्टमर को नही दे पाता है ऐसे में रेलवे को इसमे बदलाव करना चाहिए कि जो यात्री टिकट बना रहा है वहां पर उस कस्टमर की बैंक डिटेल भी हो जिससे उसका रिफंड सीधा उसके बैंक खाते में आये ताकि भविष्य में कोई भी प्रिंसिपल कम्पनी पैसा लेकर रफूचक्कर न हो , हाल ही में आरज़ू नाम की प्रिंसिपल कम्पनी एजेंटों के जमा रुपये ओर रिफंड के रुपये लेकर गायब है और IRCTC ओर भारतीय रेलवे उन एजेंटों को उनका जमा रुपया दिलवाने में नाकाम रही है ओर ना ही अभी तक ऐसी कम्पनी के ऊपर कार्यवाही की सूचना जाहिर की है तो क्या IRCTC ओर भारतीय रेलवे का ये दायित्व नही है कि ऐसी कंपनियों के शिकार IRCTC एजेंट ओर यात्री न बने ।

अगर IRCTC सम्बन्धित PNR का टिकट रिफंड यात्री के बैंक खाते में भेजने में असमर्थ है तो सम्बन्धित PSP से एजेंट के बैंक खाते की डिटेल ले और सम्बन्धित PNR के रिफंड को एजेंट के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर करें जिससे भविष्य में कोई भी PSP रिफंड लेकर गायब न हो और एजेंट उस यात्री को आसानी से टिकट रिफंड का रुपया दे सके । जब IRCTC द्वारा सम्बन्धित ईमेल पर मैसेज रिफंड का भेज सकता है तो रिफंड भी एजेंट को सीधे भेजना चाहिए न कि PSP को , ओर हो सके तो सम्बन्धित PSP के अधीन केे एजेंट का वॉलेट भी अपने अधिकार क्षेत्र में ले जिससे किसी भी तरह के फ़्रॉड होने की भविष्य में गुन्जाईस ही न हो । वर्तमान में कोई भी एजेंट केवल ईमेल ही भेज सकता है उसके लिए कोई भी कस्टमर केयर नम्बर भी उपलब्ध नही है और ना ही IRCTC के हेल्प लाईन नम्बर पर एजेंट की मदद हो पा रही है