जोगी नवादा में अब किसी ने खुराफात की तो घर पर चलेगा बुलडोजर

बरेली जोगीनवादा में दो बार सांप्रदायिक टकराव के बाद प्रशासन अब शांति बनाए रखने के लिए सख्त हो गया है। डीएम ने कलेक्ट्रेट में कांवड़ियों के साथ बैठक के बाद कहा कि जोगीनवादा के लोग शांति बनाए रखें। अब अगर किसी ने खुराफात की तो उसके घर पर बुलडोजर चलेगा।कलेक्ट्रेट के अपने कक्ष में बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डीएम ने कहा कि कांवड़ यात्रा हो या कोई और जुलूस, नए रूट से निकलने की आगे भी किसी को अनुमति नहीं मिलेगी। जोगी नवादा की मौर्य गली से शाह नूरी मस्जिद के पास होते हुए 6 अगस्त को कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति के लिए जो आवेदन किया गया था, उसे पुलिस जांच के बाद निरस्त कर दिया गया है।डीएम ने बताया कि थाना बारादरी का रजिस्टर देखने से साफ हुआ है कि 2016 और 2018 में जो कांवड़यात्रा निकलीं, वे इस नए रूट से नहीं निकली थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दिए हैं कि नए रूट और विवादित स्थलों से कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति न दी जाए और वहां सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी रखी जाए। डीएम ने कांवड़ियों और दूसरे पक्ष के लोगों से कानून का पालन करने की अपील की है।इतनी सख्ती कर दें कि कोई हरकत न हो पाए डीएम ने जोगी नवादा में शांति कायम रखने की जिम्मेदारी एडीएम सिटी डॉ. आरडी पांडेय और एसपी सिटी रोहित सिंह को दी है। दोनों अफसरों से कहा कि इलाके में किसी बाहरी को प्रवेश न करने दिया जाए, पूरी सख्ती से यह रोक लगाई जाए। शनिवार से ही इतनी सख्ती कर दें कि किसी को कोई हरकत करने का मौका न मिले। एसएसपी की मौजूदगी में ही एसपी सिटी से कहा कि इंस्पेक्टर ढीले हैं, उन्हें सतर्क रखें।अफसरों ने किया साफ, मौर्य गली से कांवड़ यात्रा की इजाजत नहीं मिलेगी जोगी नवादा में कांवड़िए अब भी मौर्य गली से शाह नूरी मस्जिद होते हुए कांवड़ यात्रा निकालने पर अड़े हुए हैं। शुक्रवार को डीएम-एसएसपी के साथ करीब डेढ़ घंटे की बैठक के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला। कांवड़ियों की ओर से इसी रूट से पहले भी कांवड़ यात्रा निकलने का दावा किया लेकिन अफसरों ने थाना बारादरी के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए इसे मानने से साफ इन्कार कर दिया। इसके बाद कांवड़िए बैठक से निकल गए।कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में अफसरों ने साफ किया कि थाना बारादरी के रजिस्टर में मौर्य गली से होकर शाह नूरी मस्जिद के पास से कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसलिए इस रूट से कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी।कांवड़ियों ने अपना पक्ष रखते हुए यह कहकर अनुमति के लिए जोर दिया कि योगी आदित्यनाथ के राज में भी उन्हें कांवड़ यात्रा नहीं निकालने दी जा रही है। इस पर अफसरों ने कहा कि कांवड़ यात्रा निकालने पर कोई रोक नहीं है लेकिन यात्रा परंपरागत रूट से ही निकाली जा सकती है। जहां विवाद है या नया रूट है, वहां से कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी।अफसरों ने यह कहकर कांवड़ियों को दिलासा देने की कोशिश की कि वे बीच का रास्ता देखेंगे लेकिन इस पर कांवड़िए कुछ नहीं बोले। विश्व हिंदू परिषद के नेता पवन अरोड़ा ने भी कांवड़ियों को समझाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी। करीब डेढ़ घंटे बैठक में रहने के बाद कावंड़िए चले आए। बैठक में कांवड़ यात्रा समिति के महंत डॉ. राकेश कश्यप के नेतृत्व में 30-35 कांवड़िए वार्ता के लिए पहुंचे थे। बैठक में एडीएम सिटी डॉ. आरडी पांडेय, एसपी सिटी रोहित सिंह समेत कई अधिकारी भी उपस्थित थे।प्रशासन पर जबरन तारीख बदलवाने का आरोप जोगीनवादा से निकलने वाली कांवड़ यात्रा समिति के महंत डॉ. राकेश कश्यप ने प्रशासन पर जबरन कांवड़ यात्रा की तारीख बदलवाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने हमारे साथ छल किया है। अफसरों को विश्वास में लेकर तय करना चाहिए था कि हम इस तारीख में कांवड़यात्रा निकाल सकते हैं लेकिन अफसरों ने एक कागज पर हस्ताक्षर कराकर तारीख बदल दी, यह बात समझ में नहीं आई।विवाद और तनाव से कोई फायदा नहीं बैठक में तो कोई निष्कर्ष तो नहीं निकला। वैसे भी तनाव से कोई फायदा नहीं है। बीच का रास्ता खोजा जा रहा है। छह अगस्त को कांवड़ यात्रा निकलेगी या नहीं, इस पर अभी कुछ नहीं कह सकते। अफसरों ने बीच का रास्ता तय करके बताने की बात कही है। अब अफसरों के फोन का इंतजार है--- पवन अरोड़ा, विहिप नेता।कांवड़ यात्रा छह को निकालेंगे या किसी अगली तारीख में, यह तय नहीं है। हम कांवड़ यात्रा निकालने की जल्दबाजी नहीं कर रहे है। विवाद से कोई लाभ नहीं है। हमारी ओर से कोई विवाद नहीं किया जा रहा है। मौर्य गली से होकर शाह नूरी मस्जिद वाली गली से पहले भी कांवड़ यात्रा निकाली गई है और पिछले साल भी। प्रशासन यह बात मानने को तैयार नहीं है--- डॉ. राकेश कश्यप, महंत कांवड़ यात्रा समिति।