2 अगस्त से दिल्ली हावड़ा रेल रूट जाम करेंगा लोहार समाज

आरा - लोहार विकास मंच पूर्वी गुमटी आरा कार्यालय पर लोहार आरक्षण पर आयोजित बैठक "करो या मरो" के सवाल पर चर्चा हुई जिसमे लोहार आरक्षण पर केंद्र और राज्य सरकार के चुपी पर गहन चर्चा हुई।

जिसमे लोहार से सरकार के रवाइयां पर दुख व्यक्त किया गया।

इस अवसर पर मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि जबतक सरकार के विरुद्ध कड़ा आंदोलन नही होगा जबतक सरकार की नींद नहीं खुलेगी क्यों कि सरकार लोहार मामले पर सारी हदें पार कर दी है।

भेजे गये तर्क संगत पत्र और माननीय संसद द्वारा लोकसभा, राजसभा में उठाये गये प्रश्न पर किसी संसद का कोइ महत्व होता है। यह मामला बारह बार लोकसभा और राजसभा में उठ चुका है मगर सरकार खामोश है। वही जनजाति मंत्री अर्जुन मुण्डा से दर्जनों मुलाक़ात हो चुका है मगर अश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। मोदी सरकार के मंत्री श्रीं मुण्डा द्वारा एक्ट 23/2016 में लोहार लिखा गज़ट का प्रकाशन नहीं करा संविधान और क़ानून का उलंघ्न कर रहे है जिससे पुरे लोहार समाज के विकास पर ताला लग गया है। सही लोहार जाति के जगह काल्पनिक नकली लोहारा जाति लाकर लोहार क़ो एसटी आरक्षण से वंचित किया जा रहा है जो बर्दाश्त नहीं होगा।

आर के शर्मा ने कहा 2 अगस्त से रेल रोको आंदोलन का जानकारी केंद्र सरकार क़ो स्पीड पोस्ट कर दिये गये है तथा समय पूर्व मामले का निष्पादन के लिये राष्टपति, प्रधानमंत्री, क़ानून मंत्री, रेल मंत्री, समाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री, जनजाति मंत्री जनजाति, सचिव डी आर एम दानापुर, पटना जिला पदाधिकारी, मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, पटना डी एम और खुफीया विभाग क़ो पत्र भेज दिया है।

जिसमे मुख्य मांग लोहारा क़ो लोहार कर भारत का राजपत्र जारी किया जाये अन्यथा अब लोहार आरपार के लड़ाई के मूड में है।

सरकार जबरन लोहार क़ो रेल आरक्षण हेतु बाध्य कर दिया है जब कि मामला मामूली अंग्रेजी लोहारा का हिन्दी सुधार से संबंधित है स्पस्ट है कि लोहार जाति सर्वत्र है मगर लोहारा जाति नहीं है। लोहारा सिर्फ अंग्रेजी में होगा जो हिन्दी में लोहार है। बैठक का अध्यक्षता राम नारायण शर्मा ने किया तथा मंच संचालन महासचिव कुंदन शर्मा ने किया।

बैठक में इन्दर कुमार, प्रदीप शर्मा, पवन कुमार, पंकज शर्मा, सुभाष शर्मा, दुर्गा प्रसाद तथा अजय शर्मा आदि मौजूद थे।