भोजपुर में सैप जवान की गोली से युवक की मौत, भड़के ग्रामीणों ने विभाग की पुलिस टीम को पीटा, जमकर किया बवाल

बिहार के आरा में अवैध शराब के खिलाफ छापेमारी करने गई उत्पाद विभाग की पुलिस टीम के साथ बड़ा विवाद हो गया। जहां छापेमारी के दौरान शराब माफियाओं और स्थानीय ग्रामीणों ने उत्पाद विभाग की पुलिस टीम पर जानलेवा हमला कर दिया।


इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर पत्थरबाजी करते हुए लाठी-डंडों से हमला बोल दिया। जवाबी कार्रवाई में उत्पाद विभाग की पुलिस टीम में शामिल सैप के (स्पेशल ऑक्जिलरी पुलिस) जवान ने फायरिंग कर दी, जिसमें गोली लगने से युवक की मौत हो गई।


इस घटना के बाद ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा। आक्रोशित लोगों ने पुलिस टीम पर हमला करते हुए गोली चलाने वाले सैप जवान को बंधक बना लिया और उसकी मौके पर जमकर पिटाई भी कर दी, जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गया। यह मामला जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 3 का है। घटना की सूचना मिलते ही उत्पाद विभाग के अधिकारी के साथ जगदीशपुर के एसडीपीओ सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और मामले की छानबीन में जुट गया।


इधर, घटना से गुस्साए लोगों ने मृत व्यक्ति के शव को बीच सड़क रखकर आगजनी करते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और सड़क को जाम कर दिया। मृत युवक की पहचान शाहपुर थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 3 निवासी जगदीश यादव का 46 वर्षीय पुत्र सुशील यादव के रूप में हुई है।


बताया जा रहा है कि जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 3 में उत्पाद विभाग की पुलिस टीम अवैध शराब के खिलाफ गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी करने पहुंची थी। जहां उत्पाद विभाग की पुलिस टीम को छापेमारी करते देख शराब माफिया और स्थानीय ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया, जिसमें गुस्साए ग्रामीणों द्वारा उत्पाद विभाग की पुलिस टीम पर पथराव किया गया। इस बीच, बचाव में उत्पाद विभाग की टीम में शामिल सैप जवान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गोली चलाई, जो एक ग्रामीण को लग गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

इसके बाद मौत से गुस्साए लोगों ने दौड़कर उत्पाद विभाग के सैप जवान को पकड़ लिया और पहले उसकी जमकर धुनाई की, फिर उसे बंधक बना लिया। घटना के बाद ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर आगजनी करते हुए सड़क को जाम कर दिया और उत्पाद विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हंगामा कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि जब छापेमारी की सूचना स्थानीय थाना और चौकीदार को नहीं थी, तब उत्पाद विभाग की टीम कैसे छापेमारी करने चली आई।