रेलवे की दोहरी नीति का शिकार होता कुचामन स्टेशन

कुचामन रेलवे स्टेशन के साथ सौतेला व्यवहार करता जोधपुर डिवीजन। कुचामन स्टेशन पर ठहराव माँगे जाने पर डिवीजन द्वारा मंत्रालय को कियाजा रहा है गुमराह रेलवे बोर्ड को भेजे गए वाणिज्यिक रिपोर्ट में डिवीज़न द्वारा कुचामन स्टेशन पर 1 प्लेटफार्म बताया गया है जबकि वर्तमान में 2 प्लेटफार्म है । 15 सालों से लगातार ठहराव करने वाली ट्रेनों को भी अस्थाई बताया जा रहा है । वहीं कुचामन से कम आय वाले स्टेशनों परठहराव देने में डिवीज़न को घाटा होने पर भी डिवीज़न ठहराव की सिफारिश रेलवे बोर्ड को भेजता है लेकिन कुचामन में ठहराव पर घाटा बताकर ठहराव के प्रस्ताव को खारिज कर दिया जाता है । कुचामन स्टेशन की प्रती ट्रेन आय 8587/- रुपये बतायी गयी है जोकि जोधपुर से जयपुर के मध्य मकराना के बाद सर्वाधिक है ये आय तो तब है जब कुचामन का 60 फीसदी आरक्षण ऑनलाइन बनता है क्यूंकि कुचामन आरक्षण कार्यालय शहर से 11 किमी दूर स्थित है रेलवे से कई बार कुुुुचामन शहर में आरक्षण कार्यालय की स्थापना की मांग की जा चुकी हैं लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है ।