अपराधियों की शरणस्थली बनीं मौदहा की काशीराम कालोनियां

मौदहा।हमीरपुर। कस्बा स्थित कांशीराम कालोनियां विगत कई वर्षों से अपराधियों के लिए शरणस्थली बनी हुई हैं। यहाँ पर किराए में रहने वाले सैकड़ों अपराधी कस्बा सहित क्षेत्र में बड़े बड़े बड़े अपराध करके स्वयं को महफूज मानते हैं।इन अपराधियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कस्बा सहित आसपास के बुद्धिजीवियों ने इन कालोनियों के सत्यापन के लिए उच्च अधिकारियों से कई बार मांग की है लेकिन सत्यापन के नाम पर केवल कागजी घोड़े दौड़ाये जा रहे हैंजिससे कि यहाँ पर अपराधियों की बढ़ती संख्या धीरे धीरे निरंकुश हो रही है।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार के शासनकाल में यहां की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने समूचे प्रदेश में एक अत्यंत महत्वपूर्ण एवं जनकल्याणकारी योजना शुरू की थी।जिसमें उन्होंने प्रदेश के अधिकांश शहरों और कस्बों में कांशीराम कालोनियों का निर्माण कराया था और लाखों परिवारों को रहने के लिए आवास दिये थे।इसी योजना के चलते मौदहा कस्बा के तीन स्थानों पर काशीराम कालोनियों का निर्माण कराया गया।जोकि यहां के मराठीपुरा मोहाल में बड़ी देवी मंदिर के समीप, सिजनौडा मार्ग में छिमौली तिराहा के समीप और तीसरी कालोनी मौदहा से छिमौली मार्ग में कस्बे से लगभग एक किलोमीटर दूरी पर बनी हैं।इन कालोनियों की आवंटन प्रक्रिया हमेशा विवादों में रही है।उस समय सैकड़ों अपात्रों को पात्रता की सूची में सामिल कर उन्हें कालोनियों का स्वामी बना दिया गया था।इसका परिणाम यह हुआ कि ये अपात्र लोग आजतक कांशीराम कालोनियों में नहीं रहते हैं बल्कि अपने पुस्तैनी मकानों में ही रहते हैं। आवंटन के समय बड़े पैमाने पर हुये भ्रष्टाचार के कारण अधिकांश कालोनियां अपात्रों को ही मिली हैं।यही कालोनियां खाली रहती हैं जिन्हें किराए पर उठा दिया जाता है। इन कालोनियों को ऐसे अपराधी रहते हैं जोकि जरायम की दुनिया के बादशाह हैं।हलाकि यह बात प्रशासन के तमाम जिम्मेदार अधिकारी अच्छी तरह से जानते हैं कि कांशीराम कालोनियों में स्मैक, गांजा, चरस,अवैध शराब, नाजायज असलहों,चोरी, लूट, राहजनी, टप्पेबाजी सहित तमाम अनैतिक और गैरकानूनी कार्यों का बड़ा नेटवर्क रहता है और जरायम से जुड़े लोग यहां पर अपने को सुरक्षित मानते हैं।मौदहा की इन कालोनियों में बीते दिनों एक अपहरण की घटना, अधेड़ का आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद उसके द्वारा आत्महत्या किया जाना, महिला का फांसी में झूल कर आत्महत्या करने की तमाम घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि कांशीराम कालोनियों में रहने वाले बाहरी लोग यहाँ का अमनचैन बिगाड़ने का काम करते हैं। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा आजतक कोई ठोस पहल नहीं की गयी है कि जिसमें अपराधियों को यहाँ से खदेड़ा जा सके।हलांकि यदा कदा इन कालोनियों के सत्यापन के कागजी घोड़े जरूर दौड़ाए जाते हैं लेकिन यह सबकुछ केवल दिखावा समझ में आता है।बुद्धजीवियों का मानना है कि यदि मौदहा कस्बा की तीनों काशीराम कालोनियों का उच्च स्तरीय अधिकारियों के द्वारा सत्यापन किया जाये तो सैकड़ों अपराधियों की लिस्ट खुलकर सामने आयेगी और इसके साथ ही उन लोगों के नाम भी सामने आयेंगे जिन्होंने गरीब लोगों का हक मारकर पैसों की ताकत से इन कालोनियों को अपने नाम आवंटित कराया है।लोगों का मानना है कि उच्च अधिकारियों की टीम को सत्यापन के लिए अचानक पहुंचना चाहिए और जो लोग अपनी कालोनियों में नहीं रहते हैं ऐसे लोगों कालोनियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर देना चाहिए ।इस प्रकार की कार्यवाही से इन कालोनियों में अपराधियों की संख्या बहुत कम रह जायेगी और जो परिवार वास्तव में इन कालोनियों मे रहकर गरीबी रेखा का जीवन यापन कर रहे हैं उन्हें भी गुण्डों, अपराधियों, नशेड़ियों,चोरों,बदमाशों एवं अनैतिक कार्य करने वालों से छुटकारा मिल जायेगा।