आदर्श जीवन जीना सिखाती है प्रभु श्री राम की कथा

इटियाथोक,गोंडा। श्री चतुर्भुज स्थान मंदिर परिसर ग्राम पारा सराय में नौ दिवसीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ एवं संगीतमय रामकथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है।कार्यक्रम के चौथे दिन हरदोई जनपद से पधारे कथा व्यास आचार्य संतोष ने श्रद्धालुओं को रामकथा श्रवण का महत्व बताया।उन्होंने कहा,कि प्रभु की कथा जहां हमें ईश्वर भक्ति की ओर बढ़ने का संदेश देती है,वहीं आदर्श जीवन जीना भी सिखाती है। प्रभु श्री राम ने माता पिता की आज्ञा पाकर सहर्ष ही चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार कर लिया।महाराज जी ने कहा,कि समाज में फैली बुराइयों का मुख्य कारण मानव का मन है।कोई भी बुराई पहले मनुष्य के मन में उत्पन्न होती है।यदि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना है,तो मानव के भीतर विकृत मन को सुधारना होगा।यह मात्र केवल ईश्वरीय ज्ञान से ही संभव है।उन्होंने कहा,कि माता शबरी की कुटिया में प्रभु श्री राम स्वयं गए और उनके हाथों से जूठे बेर खाए।प्रभु किसी की जाति नहीं देखते,वह मात्र केवल भक्त के हृदय का भाव और प्रेम देखते हैं।ये निष्काम प्रेम,भाव और श्रद्धा ईश्वर को जान लेने के पश्चात ही मानव के मन में उत्पन्न होती है।आयोजक मंडल के मन्नू त्रिपाठी ने बताया,कि 09 अप्रैल को पूर्णाहुति एवं विशाल भंडारा का आयोजन किया जाएगा।यज्ञाध्यक्ष विजय शंकर जी महाराज,विद्याभूषण,रतन मौर्य एडवोकेट, अनुराग त्रिपाठी,उत्कर्ष त्रिपाठी,रवि तिवारी,मनोज तिवारी आदि मौजूद रहे।