बहराइच कांदू समाज को नहीं मिल पा रहा पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र

बहराइच: मिहींपुरवा कस्बे निवासी मद्धेशिया समाज के लोगों को कांदू जाति को पिछड़ा वर्ग आरक्षण होने के बाद भी तहसीलदार मिहींपुरवा द्वारा जाति प्रमाण पत्र निर्गत न किए जाने की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई है । साथ ही डीएम के साथ अन्य अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा गया है । श्री गणीनाथ सेवादल मिहींपुरवा के अध्यक्ष मेवालाल मदेशिया ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजा है । जिसमें उनका कहना है कि जनसुनवाई के माध्यम से जाति प्रमाण पत्र संबंधी जानकारी मांगी थी । जिसके जवाब में 1359 फसली खसरा की अनिवार्यता मिहींपुरवा तहसीलदार डाक्टर सुनील कुमार द्वारा बताई गई । जबकि जनपद के अभिलेखागार में उक्त 1359 फसली खसरा उपलब्ध ही नहीं है । उनका कहना है कि मिहींपुरवा तहसीलदार के हठधर्मिता के कारण कांदू समाज का पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो रहा है । जबकि पूरे प्रदेश में कांदु समाज का पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया जा रहा है । ज्ञात हो कि अक्टूबर माह 2022 तक वर्तमान तहसीलदार द्वारा भी कांदू पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाते रहे हैं ।सामाजिक न्याय के तहत पिछड़ा वर्ग आयोग के संस्तुति पर शासन द्वारा 1996 में ही कांदू जाति को पिछड़ी जाति में शामिल किया गया था। जिसका उल्लेख जाति प्रमाण पत्र अनुसूची के 37 वें कालम में देखा जा सकता है । बार-बार आग्रह के उपरांत भी कांदू समाज का पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र निर्गत न करना शासनादेशों का उल्लंघन तो है ही साथ ही कांदू समाज का अहित करने का तहसीलदार द्वारा कुत्सित कार्य किया जा रहा है । जबकि प्रदेश के अन्य जनपदों में पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है । ऐसे में समाज के साथ तहसीलदार द्वारा किया गया कार्य अन्याय पूर्ण है।मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से इस विषय पर समुचित कार्यवाही करते हुए कांदू समाज के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की मांग की । जिससे कांदू समाज के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हो सके और कांदू समाज भी देश की मुख्यधारा से जुड़ कर आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सके । इस मामले में तहसीलदार डाक्टर सुनील कुमार को फोन लगाया गया तो उनका नंबर स्विच ऑफ बताता रहा ।